नई दिल्ली/जबलपुर. आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) की पिछले काफी समय से ट्रेन गार्डों के पदनाम बदलकर ट्रेन मैनेजर किये जाने की मांग को अंतत: रेलवे बोर्ड ने मान लिया है. यह निर्णय रेलवे बोर्ड के साथ एआईआरएफ की स्थायी वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में लिया गया.
इस संबंध में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री व पमरे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि इस मांग को रेलवे बोर्ड के साथ पीएनएम की बैठक में स्वीकृति दे दी गई है. इस संबंध में रेलवे जल्द आदेश जारी करेगी. साथ ही रिकॉर्ड भी दुरुस्त किया जाएगा.
नई दिल्ली में दो दिनी आयोजित हुए पीएनएम (स्थाई वार्ता तंत्र) की मीटिंग में डब्ल्यूसीआरईयू (वेस्ट सेंट्रल रेलवे एप्लाइज यूनियन) के जोनल महामंत्री मुकेश गालव ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था. रेलवे बोर्ड की बैठक में शामिल सभी सदस्यों ने इस पर अपनी सहमित जाहिर की. इसके चलते रेलवे बोर्ड ने घोषणा कर दी है कि गार्ड की जगह पर अब ट्रेन मैनेजर शब्द लिखा जाएगा. जल्द इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा. साथ ही रिकॉर्ड भी दुरुस्त किया जाएगा, ताकि गार्ड की जगह मैनेजर शब्द का उपयोग करने में किसी तरह कि परेशानी न आए. इसकी खबर लगते हुए रेलवे गार्डों में खासा उत्साह है.
गार्ड शब्द नहीं था सम्मानजनक लोगो
यूनियन के जबलपुर मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि गार्ड का काम काफी चुनौतीपूर्ण रहता है. एक तरह से गार्ड के नियंत्रण में ही ट्रेन चलती है. लेकिन उन्हें नाम गार्ड दिया गया था. इसे लेकर गई बार गार्ड भी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. इसके चलते यूनियन लंबे समय से पद का नाम बदले की मांग कर रहा था. आखिरकार एआईआरएफ की रेलवे बोर्ड के साथ आयोजित स्थाई वार्ता तंत्र की बैठक में मांग मान ली गई ओर गार्डों को ट्रेन मैनेजर का दर्ज दे दिया गया है. इससे पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलों जबलपुर, कोटा व भोपाल सहित देश के सभी गार्डों में उत्साह का माहौल है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलकर्मियों को बोनस मिलने में नहीं हो विलंब, एआईआरएफ-डबलूसीआरईयू ने रेलवे बोर्ड पर बनाया दबाव
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