नई दिल्ली. युवाओं पर गेमिंग का नशा हावी होने लगा है. इसकी लत उनकी फिजिकल हेल्थ से लेकर मेंटल हेल्थ पर भी असर डाल रही है. PlayerUnknown’s Battleground जिसे PUBG भी कहा जाता है, हाल ही में युवाओं के माता-पिता के लिए नई परेशानी बन गया है.
जानकारी के अनुसार PUBG के कारण मेंटल हेल्थ कंडीशन के सैकड़ों केस अब तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरो साइंस में रिपोर्ट किए गए हैं.
नींद की परेशानी, असल जिंदगी से दूरी, कॉलेज व स्कूल से लगातार ऐब्सेंट होने, ग्रेड्स गिरने और गेम छोड़ने पर गुस्सा बढ़ने जैसी समस्याओं से पीड़ित युवा मरीजों की संख्या बढ़ती देख डॉक्टर्स भी हैरानी में हैं.
क्लिनिक SHUT में क्लिनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर मनोज शर्मा के मुताबिक PUBG गेम को करीब तीन साल पहले ही इंडिया में लॉन्च किया गया था. ‘शुरू के तीन महीनों में इस गेम के साइड इफेक्ट्स को लेकर करीब तीन से पांच केस ही हर महीने सामने आ रहे थे. हालांकि, बेंगलुरू में आयोजित हुए टूर्नामेंट के बाद इस तरह के मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.’
एक केस के बारे में बताते हुए डॉक्टर मनोज ने बताया कि हाल ही में 19 साल के लड़के को उसके पैरंट्स उनके पास लेकर आए थे. उन्हें बताया गया कि लड़का रात को करीब 4 बजे के बाद खेलना शुरू करता था ताकि वह इंटरनेशनल प्लेयर्स के साथ गेम को खेल सके. इस वजह से उसका स्लीपिंग पैटर्न बदल गया. वह दोपहर में करीब 12 बजे उठता और फिर करीब 8 घंटे तक लगातार गेम ही खेलता रहता. इस कारण वह कॉलेज से ऐब्सेंट रहने लगा और उसके मार्क्स गिरने लगे. माता-पिता उसे गेम छोड़ने को कहते तो वह काफी अग्रेसिव हो जाता.
डॉक्टर मनोज ने बताया कि उनके पास जब लड़के को लाया गया तब उन्होंने उसके नेचर को बहुत ज्यादा अग्रेसिव पाया. लड़का अपने पैरंट्स से चिढ़ने लगा था क्योंकि वह उसे गेम छोड़ने के लिए कहते थे. यह उसे उसकी जिंदगी में दखल जैसा लगता था.
इस केस को लेकर डॉक्टर ने लड़के को एकदम से गेम छोड़ने की सलाह देने की जगह उसे शाम को गेम खेलने के लिए कहा ताकि धीरे-धीरे पहले उसका स्लीपिंग पैटर्न नॉर्मल किया जा सके. पैरंट्स को लड़के से ज्यादा से ज्यादा बात करने और उसके साथ टाइम बिताने के लिए कहा गया जिससे उसे गेम खेलने का कम से कम समय मिले. लड़के को गेम खेलने के बाद करीब 10 बार आंखों को ब्लिंक करने, हाथों और कलाई को घुमाने जैसे व्यायाम करने के लिए कहा गया. ऐसा होने पर उसका अग्रेशन कम होने लगा.
डॉक्टर्स के मुताबिक गेमिंग की लत वाले युवा मेंटल हेल्थ कंडीशन से पीड़ित होते हैं. इसका कोई इलाज नहीं है बस लंबे समय और धैर्य के साथ ही इस समस्या को दूर कम किया जा सकता है. अपने बच्चों की इस मेंटल हेल्थ का असर पैरंट्स पर भी होता है ऐसे में कई बार उनकी भी काउंसलिंग की जाती है.
क्या है PUBG
पबजी एक कॉम्बेट गेम है जिसमें 100 प्लेयर्स एयरप्लेन से एक आइलैंड पर उतरते हैं. यहां पहुंचने पर उन्हें वहां मौजूद अलग-अलग घर व स्थानों पर जाकर आर्म्स, दवाइयां और कॉम्बेट के लिए जरूरी चीजों को कलेक्ट करना होता है. प्लेयर्स को बाइक, कार और बोट मिलती है ताकि वह हर जगह जा सकें और दूसरे अपोनन्ट को गेम में मारकर आगे बढ़ सकें. 100 लोगों में आखिर तक जिंदा रहने वाला प्लेयर गेम का विनर बनता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में अब 24 घंटे चल सकेंगी माल वाहक इलेक्ट्रिक गाड़ियां
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