नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने संसद से शीत सत्र में कृषि कानूनों की वापसी, प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन समेत 26 बिलों को पेश करने का फैसला लिया है. इनमें से एक नारकोटिक्स ड्रग्स बिल, 2021 भी है. इसके तहत यह प्रावधान जाएगा कि कम मात्रा में गांजा, भांग समेत नशीले पदार्थ पाए जाने को अपराध नहीं माना जाएगा. सरकार की राय है कि इस कानून से नशे की लत में गए लोगों को सुधरने का मौका मिल सकेगा. हाल ही में ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह मांग उठी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में सिफारिशें 10 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में तय की गई थीं.
इस बैठक में राजस्व विभाग, गृह विभाग, नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सामाजिक न्याय मंत्रालय, और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे. नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज़ (एनडीपीएस) बिल, 2021 के तहत मादक पदार्थों के निजी उपभोग को अपराध के दायरे से बाहर रखा जाएगा. इसके लिए 1985 के कानून की धाराओं 15,17,18, 20, 21 और 22 में संशोधन किए जाएंगे, जिनका संबंध ड्रग्स की ख़रीद, उपभोग, और फाइनेंसिंग से है. आर्यन खान केस में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले समेत कई हस्तियों ने कानून में फेरबदल की मांग की थी और कहा था कि लोगों को सुधरने का मौका मिलना ही चाहिए.
नारको ऐक्ट में बदलाव से क्या होगा?
सरकारी सूत्रों के अनुसार नारको बिल में किसी व्यक्ति के ड्रग्स रखने, निजी तौर पर उभोग करने और बेचने में अंतर किया जाएगा. इसमें बेचने को तो अपराध माना जाएगा, लेकिन बेहद कम मात्रा में रखने और निजी उपभोग को अपराध के दायरे से बाहर किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'ड्रग को अपराध न मानना, एक ऐसी तर्क संगत ड्रग नीति की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण क़दम है, जो विज्ञान और जन स्वास्थ्य को दंड और क़ैद से पहले रखती है.'
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल में हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टर, OPD बाधित होने से मरीज़ बेहाल
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