नई दिल्ली. दिग्गज टेक्नॉलजी कंपनी ऐपल ने हैकिंग टूल से आईफ़ोन को कथित रूप से टार्गेट करने के लिए इज़राइली स्पाइवेयर फर्म NSO ग्रुप और उसे चलानी वाली कंपनी पर मुकदमा दायर किया है.
एनएसओ का पेगासस सॉफ्टवेयर आईफोन और एंड्रॉइड डिवाइस, दोनों को संक्रमित कर सकता है जिससे ऑपरेटरों को संदेश, फोटो और ईमेल निकालने, कॉल रिकॉर्ड देखने,माइक्रोफोन और कैमरों को गुप्त रूप से सक्रिय करने की अनुमति मिलती है.
एनएसओ समूह का कहना है कि उसके उपकरण आतंकवादियों और अपराधियों को निशाना बनाने के लिए तैयार किए गए थे लेकिन जासूसी सॉफ़्टेवेयर का इस्तेमाल कथित तौर पर कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और पत्रकारों पर भी किया गया है.
एनएसओ ग्रुप का कहना है कि केवल अच्छे मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों के सैन्य, कानून लागू करने वाली एजेंसियों और ख़ुफ़िया विभागों को ही अपना सॉफ़्टवेयर बेचता है.
लेकिन इसी महीने अमेरिका ने इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सॉफ्टवेयर ने “विदेशी सरकारों को अंतर्राष्ट्रीय दमन करने में मदद की. तानाशाह सरकारों द्वारा अपने विरोधियों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को टार्गेट की पुरानी रीत है, जिसमें ये सॉफ़्टवेयर मदद करता है.”
Apple की यह कार्रवाई माइक्रोसॉफ़्ट, मेटा प्लेटफॉर्म्स (फ़ेसबुक) गूगल के मालिक कंपनी एल्फ़ाबेट और सिस्को सिस्टम जैसी अन्य बड़ी टेक्नोलॉजी फ़र्मों की आलोचना के बाद हुई है.
Apple ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि वो एनएसओ ग्रुप और उसकी मूल कंपनी ओएसवाई टेक्नोलॉजी को “ऐप्पल का इस्तेमाल करने वालों की निगरानी और उन्हें टार्गेट करने के लिए जवाबदेही” तय करना चाहता है.
ब्लॉग में लिखा है, “भविष्य में ऐप्पल एनएसओ समूह को किसी भी ऐप्पल सॉफ़्टवेयर, सेवाओं या उपकरणों का उपयोग करने से प्रतिबंधित करने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की मांग रहा है.”
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-आंदोलन की बरसी पर दिल्ली में जुटेंगे एक लाख किसान, 10 एकड़ जमीन हो रही तैयार
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