नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद नंदीग्राम चुनाव बाद हिंसा के मामले में सीबीआई की जांच के मामले में नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट शेख सुफियान को झटका लगा है. सीबीआई की अर्जी पर सोमवार को हाईकोर्ट ने शेख सुफियान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है और हाई कोर्ट ने रक्षा कवच वापस ले लिया है. सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम संरक्षण दिया था. हाईकोर्ट ने आज उस संरक्षण को वापस ले लिया है.
चुनाव के बाद हुई हिंसा में नंदीग्राम में ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट शेख सूफियान का नाम उछला था. सीबीआई ने सुफियान को पूछताछ के लिए तलब किया था. हालांकि नंदीग्राम के टीएमसी नेता अपनी बीमारी का कारण बताते हुए सीबीआई कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए. सुफियान को हल्दिया सीपीटी गेस्टहाउस में हाजिर होना था, लेकिन बाद में उनके वकील स्वपन कुमार अधिकारी ने तृणमूल नेता के बीमारी प्रमाण पत्र के साथ एक लिखित याचिका दायर की थी.
उल्लेखनीय है कि 3 मई को नंदीग्राम-1 प्रखंड के चिल्लाग्राम निवासी बीजेपी कार्यकर्ता देबब्रत माइति पर हमला किया गया था. वहीं, उनकी पार्टी के सहयोगियों के घरों में भी तोड़फोड़ की गई थी. गंभीर रूप से घायल होने के कारण 13 मई को एसएसकेएम में देवव्रत की मौत हो गई थी. देबब्रत माइति की हत्या में शेख सूफियान का नाम शामिल है. सीबीआई ने देबब्रत माइति की हत्या के सिलसिले में शेख सूफियान के दामाद समेत तृणमूल के 11 नेताओं को गिरफ्तार किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में आज से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी खत्म
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