जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के अध्यक्ष पद पर नई सूची पेश कर काबिज हुए सीएम उपाध्याय द्वारा रजिस्ट्रार को भेजी गई सूची संबंधी मामले में रोक लगाने का जो आदेश गत 24 नवम्बर को दिया था, उसके परिप्रेक्ष्य में आज 30 नवम्बर मंगलवार को पश्चिम मध्य रेलवे प्रशासन ने पमरे मजदूर संघ की नवगठित कार्यकारिणी के कार्यभार संभालने पर रोक लगा दी है. इस संबंध में आदेश देर शाम तीनों रेल मंडलों को भी जारी कर दिये गये हैं.
पमरे प्रशासन ने देर शाम जारी पत्र में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सभी पीएचओडी, तीनों मंडलों के डीआरएम, कार्मिक अधिकारियों को सूचित किया गया है कि पमरे मजदूर संघ द्वारा रजिस्ट्रार से जो नवीन कार्यकारिणी सूची मंजूर कराकर दी गई थी, उस सूची में शामिल पदाधिकारियों के कार्यभार ग्रहण करने पर रोक लगा दी गई है.
हाईकोर्ट में इन्हों दायर की थी याचिका
यह मामला सविता त्रिपाठी व एसके सिन्हा की ओर से हाईकोर्ट में दायर किया गया था. जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2020 में वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (डबलूसीआरएमएस) के हुए चुनाव में आरपी भटनागर को अध्यक्ष चुना गया था. जिसका कार्यकाल दो वर्ष का होता है. आरोप है कि उक्त बैठक में श्री भटनागर को हटाकर सीएम उपाध्याय अध्यक्ष पद पर काबिज हो गये, जो कि नियमों के खिलाफ था. इतना ही नहीं उक्त सूची रजिस्ट्रार को भी भेज दी गई, जिन्होंने अपनी अनुमति दे दी, जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई. सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने रजिस्ट्रार के आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हंै, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मकबूल व जेके पिल्लई ने पक्ष रखा था.
यह है मजदूर संघ का विवाद
दरअसल मजदूर संघ में पूरा विवाद तत्कालीन अध्यक्ष डा. आरपी भटनागर व महामंत्री अशोक शर्मा के बीच टकराव के बाद उत्पन्न हुआ, जिसमें पहले अचानक अशोक शर्मा ने संघ की कार्यकारिणी सागर में बुलाकर डॉ. आरपी भटनागर को अध्यक्ष व अमित भटनागर को कार्यकारी अध्यक्ष पद से निष्काषित कर दिया. वहीं डा. भटनागर ने इटारसी में बैठकर बुलाकर महामंत्री अशोक शर्मा, कोटा मंडल सचिव मो. खालिक सहित कुछ अन्य पदाधिकारियों को पद से हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया.
शर्मा गुट रजिस्ट्र्रार से सूची मंजूर कराया
महामंत्री अशोक शर्मा ने रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन से कार्यकारिणी की नई सूची की मंजूरी प्राप्त की और उसे पमरे प्रशासन के समक्ष पेश किया. इस सूची के आधार पर पमरे प्रशासन ने अशोक शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई सूची, जिसमें अध्यक्ष सीएम उपाध्याय सहित अन्य नाम थे, को मंजूरी दे दी.
रजिस्ट्रार की सूची को हाईकोर्ट में चुनौती
वहीं डॉ. आरपी भटनागर पक्ष की ओर से सविता त्रिपाठी व एसके सिन्हा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रजिस्ट्रार द्वारा मान्य की गई कार्यकारिणी को चैलेंज किया, जहां से हाईकोर्ट ने इस सूची पर स्टे जारी किया. जिसके बाद आज पमरे प्रशासन ने भी पमरे मजदूर संघ की कार्यकारिणी पर रोक लगा दी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में सूदखोरों का कहर: 30 हजार के 1.22 लाख वापस किए, मूलधन अभी भी बाकी
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