बीजिंग. चीन वैसे तो पाकिस्तान का जिगरी दोस्त बनता है, मगर चीन बड़ी चालाकी से पाकिस्तान को धोखा दे रहा है. दरअसल, चीन की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में पढ़ रहे पाकिस्तानी छात्रों अभी तक लौटने की मंजूरी नहीं मिली है. इससे करीब 11 हजार पाकिस्तानी स्टूडेंट्स का करियर तबाह होने की कगार पर पहुंच गया है. चीन में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद जनवरी 2020 में ज्यादातर पाकिस्तानी छात्र मुल्क लौट आए थे. इन्हें 7 महीने बाद जुलाई में वापस अपने कॉलेजों में पहुंचना था. अब 2021 भी खत्म होने को है, लेकिन चीन सरकार ने अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया है.
अरब न्यूज़ की एक खबर के मुताबिक, ऐसे पाकिस्तानी छात्रों ने इमरान खान सरकार और चीन की एम्बेसी से गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. यहां तक कि चीन की एम्बेसी ने छात्रों के ई-मेल्स का भी जवाब तक नहीं दिया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इन छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट्स ही ब्लॉक कर दिए हैं.
चीन के कॉलेजों में करीब 28 हजार पाकिस्तानी छात्र हैं. इन्हें जुलाई में चीन लौटने को कहा गया. करीब 11 हजार छात्रों को चीन अब अपने एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में आने की मंजूरी नहीं दे रहा है. परेशान छात्र इमरान खान सरकार के हर मंत्री, विदेश मंत्रालय और चीनी एम्बेसी के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. इन्हें उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही.
पाकिस्तानी छात्रों को चीन लौटना था, लिहाजा उन्होंने चीनी वैक्सीन ही लगवाई. तमाम जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी जमा कराए. RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट भी दी, लेकिन उन्हें लौटने के लिए वीजा जारी नहीं किया गया. अब ये छात्र और उनके माता-पिता परेशान हैं. इन छात्रों से एडवांस में फीस ले ली गई है, इनकी डिग्री के साथ सपने भी खत्म होते नजर आ रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सीमा विवाद के बीच चीन ने LAC पर तैनात की मिसाइल रेजिमेंट, भारत ने जताई चिंता
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