नजरिया. नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद अब किसानों की घर वापसी शुरू तो हो गई है, लेकिन किसान आंदोलन अभी थमा है, अलबत्ता संदेह और सवाल अभी भी कायम हैं?
यही वजह है कि किसानों ने गुरुवार को आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया है, समाप्त करने का नहीं!
इतना ही नहीं, किसानों का यह भी कहना है कि हर महीने की 15 तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी.
उधर, खबर है कि शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि- सरकार के साथ हमारी सहमति बनी, इसके बाद हमने पत्र जारी कर दिए, थोड़ा गम, थोड़ी खुशी के साथ धीरे-धीरे किसान गाजीपुर बॉर्डर व अन्य बॉर्डर से घर जाएंगे.
उनका कहना है कि जो जवान शहीद हुए हैं, उससे मन दुखी है, हमारे किसान भी शहीद हुए हैं, कई मुद्दे हैं, जो बरकरार रहेंगे. जनवरी में संयुक्त किसान मोर्चा की दिल्ली में बैठक होगी.
इसके बाद क्या सब कुछ वैसा ही हो जाएगा, के प्रेसप्रश्न पर राकेश टिकैत ने उन मुद्दों के बारे में भी बताया, जिस पर आने वाले समय में सरकार से बातचीत होगी.
उनका कहना है कि आने वाले समय में कई अहम मुद्दे रहेंगे, इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ भी गन्ने के भुगतान को लेकर बातचीत करेंगे.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार के विरोध में विभिन्न जगहों पर जारी किसानों के प्रदर्शन थम गए हैैं, परंतु किसान आंदोलन के कारण जो सरकार विरोधी भावना गांव-गांव, घर-घर पहुंच गई है, उससे मुक्ति पाना बहुत मुश्किल है!
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मोदी सरकार ने सियासी हथियार डाले, तो किसानों ने कामयाबी का हल उठाया! news in hindi https://t.co/Q0M1VcmWMy
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) December 9, 2021
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