भारत रूसी एयर डिफेंस सिस्टम S-500 खरीदने वाला पहला देश बन सकता: डिप्टी सीएम यूरी बोरिसोव

भारत रूसी एयर डिफेंस सिस्टम S-500 खरीदने वाला पहला देश बन सकता: डिप्टी सीएम यूरी बोरिसोव

प्रेषित समय :11:27:12 AM / Wed, Dec 15th, 2021

मॉस्को. रूस के उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने दावा किया है कि भारत रूसी एयर डिफेंस सिस्टम S-500 खरीदने वाला पहला देश बन सकता है. रूस के डिप्टी पीएम का ये बयान ऐसे समय में आया है जब रूस भारत को S 400 मिसाइल की सप्लाई कर रहा है. अमेरिका ने भारत को ऐसा करके रूस के साथ सैन्य संबंध बढ़ाने के लिए भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी तक दे डाली थी. इस धमकी को नजरअंदाज कर रूस और भारत ने ये डील जारी रखी.

यूरी ने आरबीसी टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘बिना किसी संदेह के एक बार हम इस सिस्‍टम को अपने सैनिकों को सौंप दें तो अगर भारत इस अत्‍याधुनिक सिस्‍टम को खरीदने की इच्‍छा जताता है, तो वह इस सूची में सबसे पहला देश होगा’. रूसी मंत्री ने सिप्री की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि रूसी हथियारों की वैश्विक बिक्री में गिरावट आई है.

-S-500 मिसाइल सिस्टम दुनिया का सबसे टॉप और शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम है. यह न केवल गुप्त लक्ष्यों का पता लगा सकता है, बल्कि अंतरिक्ष में उपग्रहों को मार गिराने में भी सक्षम है.

-इसमें चार तरह की मिसाइलें शामिल हैं. एक मिसाइल की मारक क्षमता 600 किमी, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 और चौथी 40 किमी है.

-S-500 को मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के उद्देश्य से विकसित किया गया है. इस विमान-रोधी और मिसाइल-रोधी तकनीक को पूरी तरह से नई जनरेशन के हथियार के रूप में विकसित किया गया है.

-जरूरत पड़ने पर यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) को उनके उड़ान पथ के अंतिम चरण में नष्ट कर सकती है.

-S-500 हाइपरसोनिक विमान और मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) को नष्ट करने में सक्षम है. S-500 वायु रक्षा प्रणाली सभी प्रकार के हाइपरसोनिक हथियारों को नष्ट करने में सक्षम है, यहां तक कि कम जगह में हवाई लक्ष्यों को भी.

-S-500 मिसाइल सिस्टम 600 किमी की दूरी पर दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों और लगभग 500 किमी की दूरी पर विमान को मार गिरा सकती है. अगर मिसाइल को बूस्ट फेज के दौरान नष्ट कर दिया जाता है, तो उसके मलबे और राख से कोई नुकसान नहीं होगा.

-रूस का दावा है कि एस-500 डिफेंस सिस्टम यूएस एफ-35 लड़ाकू विमानों को भी मार गिराने में सक्षम है. लेकिन अमेरिका का दावा है कि उसका F-35A लड़ाकू विमान स्टील्थ तकनीक से लैस है. जिसे किसी भी राडार से ट्रेस नहीं किया जा सकता है.

भारत-रूस के बीच 2018 में S-400 पर हुई थी डील

भारत और रूस के बीच S-400 की 5 यूनिट के लिए 2018 में करीब 40 हजार करोड़ रुपये की डील हुई थी. S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है. यानी रोड के जरिए इसे कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है. इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है, जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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