प्रदीप द्विवेदी. पीएम नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता चंदा देनेवाला उच्च अमीर वर्ग है, जिसके लिए सारी सियासी नैतिकता और कानून-कायदे एक ओर पटक कर इन सात सालों में उसके फायदे की पंगत लगा दी है, तो सत्ता पर कब्जा जमाए रखने के लिए चुनाव के मौके पर गरीबों को मुफ्त राशन जैसा केवल प्रसाद प्रदान किया जा रहा है, जबकि इसकी भारी कीमत मध्यमवर्ग को चुकानी पड़ रही है, जिसकी जेब पर जमकर डाका डाला जा रहा है और उसके हिस्से में कोरे आदर्श प्रवचन आ रहे हैं, नतीजा.... बड़े अमीर और अमीर हो रहे हैं, तो गरीब बढ़ते जा रहे हैं और मध्यमवर्ग के लिए सामाजिक साख बचाना मुश्किल हो गया है!
खबर है कि गरीब और सबसे अधिक असमानता वाले देशों की सूची में भारत शामिल हो गया है, वर्ष 2021 में एक प्रतिशत आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 22 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि निचले तबके के पास 13 प्रतिशत है.
खबरों की मानें तो- विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 को तैयार करने में फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेट्टी समेत कई विशेषज्ञों ने सहयोग दिया है, जिसमें कहा गया है कि भारत अब दुनिया के सर्वाधिक असमानता वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय 2,04,200 रुपये है, जबकि निचले तबके की आबादी, जो करीब 50 प्रतिशत है, की आय 53,610 रुपये है, तो शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी की आय इससे करीब बीस गुना- 11,66,520 रुपये, है?
रिपोर्ट पर भरोसा करें तो भारत की शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी के पास कुल राष्ट्रीय आय का 57 प्रतिशत, जबकि एक प्रतिशत आबादी के पास 22 प्रतिशत है, जबकि नीचे से 50 प्रतिशत आबादी की इसमें हिस्सेदारी केवल 13 प्रतिशत है और इसी आधार पर कहा गया है कि भारत एक गरीब और काफी असमानता वाला देश है, जहां अमीर वर्ग के लोग भरे पड़े हैं!
दरअसल, मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित विभिन्न टैक्स आदि के जरिए मध्यमवर्ग को जमकर लूटा है, जिसके नतीजे में केंद्र सरकार और अमीरों को शानदार और अकल्पनीय धनलाभ हुआ है, तो मोदी टीम चुनाव के मद्देनजर सरकारी धन के कुछ हिस्से का उपयोग गरीब वोटबैंक को तैयार करने में करती रही है?
मजेदार बात यह है कि नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान मध्यमवर्ग का रहा, लेकिन आज के हालात में इसी वर्ग के भविष्य पर सबसे बड़ा सवालिया निशान लगा है?
देखना दिलचस्प होगा कि अब भी मध्यमवर्ग मोदी टीम के साथ ही रहता है या उसे सबक सिखाता है!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-साहेब का गुजरात मॉडल? जाए बद्धा तेल लेवा जलसा कर!https://t.co/0MHJX822H0 @RavindraGautam_ @NirendraNagar @Ashawaadi @shakeelNBT @ajitanjum @ashutosh83B @ShyamMeeraSingh @DeepakSEditor @sakshijoshii @_garrywalia @vinodkapri @ppbajpai @RuchiraC @SChoudharyNews
— Pradeep ShreeTheWay (@Pradeep80032145) December 8, 2021
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