पटना. बिहार सरकार बुधवार से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया है. सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्लास्टिक कचरे m और प्रदूषण को कम करने के लिए पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बाद यह कदम उठाया गया है.
बिहार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा. इतना ही नहीं इस तरह के मामलों में एक लाख रुपए का जुर्माना और पांच साल की जेल भी हो सकती है. प्रतिबंध लागू होने के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक की खरीद-बिक्री पूरी तरह गैरकानूनी मानी जाएगी.
सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने से जुड़ा नोटिफिकेशन छह महीने पहले जारी किया गया था. इसमें थर्माकोल उत्पाद जैसे डिस्पोजेबल ग्लास, प्लेट, कप और कटलरी को भी बैन करने को कहा गया था. यह प्रतिबंध सर्दियों की लग्न खत्म होने के ठीक एक दिन बाद लागू किया गया है. शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में इन सामानों का जम कर इस्तेमाल किया जाता है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक के घोष ने कहा कि सिंगल यूज वाले प्लास्टिक उत्पाद पर्यावरण में बड़ी मात्रा में जमा होते हैं और उन्हें सड़ने में सैकड़ों साल लगते हैं.
पर्यावरण कार्यकर्ता रंजीव ने कहा कि उपभोक्ताओं को इस बात की जानकारी नहीं है कि ये उत्पाद खराब हो जाते हैं और माइक्रोप्लास्ट बन जाते हैं जो फूड चेन में प्रवेश करते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के निर्माताओं, व्यापारियों और वितरकों को डर है कि प्रतिबंध से उनका व्यवसाय प्रभावित होगा.
बिहार प्लास्टिक इंडस्ट्री एसोसिएशन के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का निर्माण या उत्पादन शुरू नहीं होने के बावजूद सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया है. राज्य में मई 2022 तक बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का निर्माण शुरू हो जाएगा. वर्तमान में राज्य में 20 बड़ी विनिर्माण इकाइयों और दर्जनों छोटी इकाइयों द्वारा प्रतिदिन लगभग 60 टन सिंगल यूज वाले प्लास्टिक उत्पाद बनाए जाते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार में चुनाव हारने पर बौखलाया मुखिया प्रत्याशी, दलित मतदाताओं की पिटाई कर थूक चटवाया
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