नई दिल्ली. ट्रेनों में अब फ्लाइट की तरह ट्रेनों में भी कटलरी दी जाएगी. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन ने कोरोना की वजह से ट्रेनों में खाने के लिए दी जाने वाली कटलरी बदलने का फैसला लिया है. स्टील या प्लास्टिक की जगह यू एंड थ्रो वाली लकड़ी की कटलरी दी जा रही है. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. यह कटलरी पूरी तरह से पैक्ड होगी.
मौजूदा समय आईआरसीटीसी 600 ट्रेनों में खाना देता है. पहले इनमें कटलरी प्लास्टिक या स्टील की दी जा रही थी. स्टील की कटलरी को यूज करने के बाद धोना पड़ता था, जबकि प्लास्टिक की कटलरी खुली होती थी और यात्रियों को देते समय संक्रमण की संभावना हो सकती थी. इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों यूज एंड थ्रो पैक्ड कटलरी देने का फैसला लिया गया है. इस तरह कटलरी में संक्रमण की संभावना कम से कम रहेगी. आईआरसीटीसी ने नई व्यवस्था शुरू कर दी है. ट्रेनों में पैक्ड कटलरी दी जा रही है.
आईआरसीटीसी करीब 600 ट्रेनों में खाना देता है. इसमें 200 ट्रेनों में पेंट्री कार लगी होती है, जिससे खाने की सप्लाई की जाती है. वहीं, शताब्दी, राजधानी, दूरंतो जैसी ट्रेनों में मिनी पेंट्री कार होती है. बची हुई अन्य ट्रेनों आईआरसीटीसी के वेंडर खाना सप्लाई करते हैं. सभी ट्रेनों में यूज एंड थ्रो वाली कटलरी दी जाएगी.
ट्रेनों में फ्लाइट जैसी ट्रेन होस्टेज की शुरुआत हो चुकी है. आईआरसीटीसी के अनुसार यह बदलाव सफर के दौरान अच्छी सुविधा देने के लिए किया जा रहा है. पुरुषों की तुलना फीमेल क्रू सर्विस बेहतर से उपलब्ध कराती है. फ्लाइट इसका अच्छा उदाहरण हैं. इसके अलावा वूमेन क्रू बातचीत में सहज होती हैं, पुरुषों की तुलना में बातचीत में गुस्सा कम करती हैं. यात्री भी ट्रेन होस्टेज से शिकायत कम करते हैं. आईआरसीटीसी के अनुसार बदलाव का सबसे बड़ा कारण महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है. अन्य क्षेत्रों की तरह महिलाएं भी इस क्षेत्र में आए आएंगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली MCD चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, मुकेश गोयल ने थामा AAP का हाथ
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