लखनऊ. कोयले को लेकर दो कांग्रेस शासित राज्य सरकारों की जंग में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संकटमोचक की भूमिका निभाई है. दरअसल, दो कांग्रेस शासित सरकारों की जंग में राजस्थान में बिजली संकट खड़ा हो गया. इसकी वजह है कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राजस्थान की गहलोत सरकार को छत्तीसगढ़ के परसा कोल ब्लॉक्स में खनन की मंजूरी देने से इनकार कर दिया. ऐसे में राजस्थान में गहराते बिजली संकट के बीच योगी सरकार मददगार बनकर सामने आई और राजस्थान सरकार को 700 मेगावाट बिजली उधार दिया.
दरअसल, जैसे ही छत्तीसगढ़ सरकार ने राजस्थान को कोयले की खनन की मंजूरी देने से इनकार किया, नाराज अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दखल की मांग की. मगर बात बनने में देरी को देखते हुए और राजस्थान में कोयले की कमी से गहराते बिजली संकट से निपटने के लिए राजस्थान सरकार ने योगी सरकार की ओर रुख किया और उसने यूपी सरकार से 700 मेगावाट बिजली उधार लेने का करार किया. हालांकि, यह बिजली वापस उत्तर प्रदेश को लौटानी होगी. बताया जा रहा है कि राजस्थान के पास महज दस दिन का कोयला बचा है.
यहां जानना जरूरी है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है. मगर कोयला खनन के मुद्दे पर कांग्रेस शासित दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री आमने सामने हैं. हालात यहां तक पहुंच गए कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की शिकायत की. गहलोत ने मांग की कि भूपेश बघेल से छत्तीसगढ़ के परसा कोल ब्लॉक्स में कोयला खनन की मंजूरी दिलवाइए नहीं तो राजस्थान में बिजली संकट खड़ा जाएगा. चिट्ठी में यह दलील दी गई कि कोयला संकट की वदह से ही राजस्थान को बिजली 33 पैसा प्रति यूनिट मंहगी करनी पड़ी.गहलोत ने भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाया कि परसा कॉल ब्लाक्स में खनन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार क्लीयरेंस नहीं दे रही है, जबकि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 21 अक्टूबर को ही खनन की मंजूरी दे चुका है.
दरअसल राजस्थान सरकार के पास छत्तीसगढ़ में परसा ईस्ट एंड कांता बासन कॉल ब्लाक्स का पहला फेज पहले से है. सालाना डेढ़ करोड़ टन कोयले का इससे उत्पादन हो रहा है. लेकिन इस ब्लॉक में महज एक महीने का कोयला बचा है. राजस्थान सरकार को दूसरे फेज में 2015 में सरगुजा परसा कोल ब्लाक्स आंवटित किया गया. केंद्र सरकार ने 21 अक्टूबर को खनन की मंजूरी भी दे दी. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों के हितों और पर्यावरण का हवाला देकर मंजूरी देने से इनकार कर दिया.
इस बीच कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट से निपटने के लिए राजस्थान सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से मदद की गुहार लगाई. बिजली संकट से बचने को राजस्थान ने यूपी से 700 मेगावाट बिजली उधार लेने का करार किया. अब उत्तर प्रदेश 42 लाख यूनिट बिजली रोजाना राजस्थान को देगा. राजस्थान को यह उधार बिजली यूपी को जुलाई-अगस्त के महीने में वापस देनी होगी. राजस्थान में बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट से अधिक है लेकिन उपलब्धता 12500 मेघवाल ही है.बीजेपी ने आरोप लगाया कि दो कांग्रेस सरकारों की लड़ाई का खामियाजा राजस्थान की जनता भुगत रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी-उत्तराखंड बीच 21 साल बाद हुआ संपत्तियों का बंटवारा, यह हिस्सा बंटा
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