राजगढ़. मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के एक गांव में गुरुवार को बंदर की मौत के बाद मातम पसर गया. गांववालों ने बंदर की आंतिम यात्रा निकली, जिसमें आगे बैंड बाजे वाले चले, पीछे-पीछे महिलाएं भजन गाते हुए मुक्तिधाम तक पहुंचीं. यहां विधि-विधान से बंदर को अंतिम विदाई दी गई.
मामला राजगढ़ जिले के खिलचीपुर तहसील के डालूपुरा गांव का है. यहां बुधवार को एक बंदर जंगल की ओर से गांव में आ गया. दिनभर तो वह उछल-कूद करता रहा, लेकिन रात में अचानक एक घर के सामने बैठकर कांपने लगा. लोगों ने यह देख उसके पास आग जला दी. उसे लगातार गर्मी देने की कोशिश की गई. बंदर की तबीयत और बिगड़ी तो तत्काल उसे लेकर डॉक्टर के पास खिलचीपुर पहुंचे. डॉक्टर से इलाज करवाकर वे उसे वापस गांव ले आए. देररात तक वे उसे गर्म कपड़े ओढ़ाकर बचाने की कोशिश करते रहे. रात करीब 2 बजे बंदर ने अंतिम सांस ली. यह देख गांववाले भावुक हो गए. रातभर वे शव के पास ही बैठे रहे.
बंदर की अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ.
गुरुवार सुबह पूरा गांव हनुमान मंदिर पहुंचा, महिलांए भी बंदर की अंतिम यात्रा में शामिल होने मंदिर पहुंचीं. यहां बंदर के लिए अर्थी सजाई गई. इसके बाद नारियल रखकर बंदर को नमन किया गया. इसके बाद अंतिम यात्रा मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई. आगे-आगे बैंड वाले चले. वहीं, पीछे से महिलाएं भजन गाती हुईं मुक्तिधाम तक गईं. गांव के बिरम सिंह चौहान ने बताया कि बंदर को हम हनुमान जी का स्वरूप मानते हैं. इसलिए उसकी मौत पर हम सब भावुक हो गए. विधि-विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश सरकार ने ग्वालियर एयरपोर्ट पर क्रैश लैंडिंग करने वाले सीनियर पायलट को किया सस्पेंड
मध्यप्रदेश: कॉलेज में दाखिला लेने वाली बेटियों को मिलेंगे 25000 रु
मध्यप्रदेश में दशहरा पर विजय संकल्प ध्वज फहराएगी, हर बूथ पर लाड़ली के पैर पूजे जाएगें
घूमने के शौकीन हैं तो मध्यप्रदेश का सांची स्तूप देखने जरूर जाएं
रिजर्व बैंक ने मध्यप्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर लगाया जुर्माना
Leave a Reply