बिजनौर/लखनऊ. उत्तर प्रदेश में एक बार फिर खाकी शर्मसार हुई है. क्योंकि लखनऊ में एक इंस्पेक्टर पुलिस विभाग के ही रिटायर्ड सीओ से रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया है.
इंस्पेक्टर को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है और उसे गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि उनसे रिटायर्ड सीओ से 5 हजार रुपये की रिश्वत ली थी और सीओ ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की थी.
जानकारी के मुताबिक बीएल दोहरे ईओडब्लूसे रिटायर्ड सीओ हैं और कुछ लोगों ने झांसा देकर उन्हें मंडी परिषद का चेयरमैन बनाने का झांसा दिया था और इसके लिए एक करोड़ रुपये में डील हुई थी. इस के लिए दोहरे ने 20 लाख रुपये एडवांस भी दिए, लेकिन धोखाधड़ी का शिकार हो गए और इसके बाद उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई. वहीं लखनऊ के बिजनौर थाने में तैनात इंस्पेक्टर राधेश्याम यादव ने इसी मामले की जांच में धारा बढ़ाने के लिए उनसे रिश्वत की मांग की. जबकि दोहरे स्वयं पुलिस विभाग में अफसर रह चुके हैं. इसकी शिकायत दोहरे ने एंटी करप्शन से की और गुरुवार शाम को 5 हजार रुपए देने के लिए पहुंचे और रिश्वत का पैसा लेते ही टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) से सेवानिवृत्त बीएल दोहरे का कहना है कि करीब एक साल पहले उन्हें मंडी परिषद का अध्यक्ष बनाने के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी की गई थी. इसकी शिकायत उन्होंने सरोजनीनगर थाने में की थी और सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन ये मामला नवसृजित थाना बिजनौर में ट्रांसफर हो गया और इसकी जांच इंस्पेक्टर राधेश्याम यादव कर रहे थे. वहीं इंस्पेक्टर बिना रिश्वत के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाह रहे थे और इसके लिए उसने दोहरे से पैसे की मांग कर रहा था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-केंद्रीय सुरक्षाबलों की निगरानी में समय पर हों चुनाव, यूपी के विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से की मांग
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