जबलपुर. हाईकोर्ट को चार लाख से अधिक लंबित मुकदमों के बोझ से मुक्ति दिलाने की मंशा से न्यायालयीन समय में संशोधन किया गया है. कामकाज का समय बढ़ाए जाने से यह उम्मीद जाग गई है कि नए वर्ष में न्याय-प्रक्रिया को पहले से अधिक गति मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि शीतकालीन अवकाश के पूर्व हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर सहित अन्य ने संयुक्त बैठक के जरिये लंबित मुकदमों को लेकर चिंता जताई थी. साथ ही न्यायालयीन कार्य का समय बढ़ाए जाने का सुझाव रखा था. हालांकि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इंदौर द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया गया था. इसी वजह से प्रस्ताव पारित होने में समय लग गया.
अंतत: हाई कोर्ट ने प्रस्ताव को उपयुक्त पाते हुए स्वीकृत कर लिया. यही नहीं मध्य प्रदेश राजपत्र की अधिसूचना में 31 दिसंबर, 2021 को इसका प्रकाशन भी हो गया. नया नियम शीतकालीन अवकाश की समाप्ति के साथ ही तीन जनवरी, 2022 को प्रथम कार्यदिवस से प्रभावी हो जाएगा.
अब यह होगा कामकाज का समय
हाई कोर्ट नियम-2008 में संशोधन का सुझाव दिया गया था. जिसे मान्य कर लिया गया है. अब तक हाई कोर्ट में कामकाज का समय सुबह 10.30 से शाम 4.30 तक था. इस बीच विश्राम की अवधि 1.30 से 2.30 बजे तक थी. संशोधन के बाद अब सुबह 10.15 से शाम 4.30 तक न्यायालयीन कार्य होगा. विश्राम की अवधि दोपहर 1.30 से 2.15 तक रहेगी. इस तरह प्रतिदिन 30 मिनिट अतिरिक्त कार्य हो सकेगा. इससे लंबित मामलों का सहज, सुलभ व त्वरित निराकरण संभव होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी हाईकोर्ट का पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार, विवेक तन्खा ने कहा-सुप्रीम कोर्ट जायेंगे
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