पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट में आज परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने उपस्थित होकर शपथ पत्र दिया है, जिसमें केन्द्रीय मोटर व्हीकल अमेंडमेंट रुल्स 2019 लागू किया जाएगा, इस कानून को सरकार 45 दिन में अमल में लाएगी.
एमपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरबी मलिमथ एवं जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगल बैंच में आज मामले की सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एमपी के अधिकारी न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते. यही कारण है कि 2013 से ये मामला लंबित है. इसका मतलब ये नहीं है कि आगे भी ये सब बर्दाश्त किया जाएगा. सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रख रहे उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कहा कि कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया जाएगा. आदेशों का पालन किया जाएगा. परिवहन आयुक्त ने अधिवक्ता के माध्यम से बताया कि अभी तक जो हुआ, सो हुआ. अब अवैध ऑटो पकड़े जाने पर छोड़े नहीं जाएंगे, सभी ऑटो जब्त कर कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया जाएगा. कोर्ट ही मामले में निर्णय लेगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब सीधे आर्डर करेंगे. एक भी अवैध ऑटो प्रदेश में नहीं चलना चाहिए. सोमवार को ही डबल बेंच ने इस केस को पहले नंबर पर लगाने के साथ ही ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन को मौजूद रहने का आदेश दिया था. दरअसलए वकील सतीश वर्मा ने 2013 में जबलपुर में अवैध ऑटो और ओवरलोडिंग सहित रूट को लेकर जनहित याचिका लगाई थी. आठ साल से ये मामला हाईकोर्ट में लंबित है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2019 में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट रूल्स 2019 को लागू किया था. हालांकि इसे लागू करने या न करने की स्वतंत्रता राज्य सरकारों पर छोड़ दी थी. यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने के प्रावधान होने और उससे राजनीतिक नफा-नुकसान देखते हुए राज्य सरकार ने लागू नहीं किया था.
मोटर व्हीकल अमेंडमेंट रुल्स 2019 लागू होने से ऐसा बदलाव आएगा-
-अब ओवरलोडिंग, क्षमता से ज्यादा यात्री होने पर 1000 रु प्रति यात्री
-बगैर हेलमेट या ओवरलोड दुपहिया वाहन पर 3 महीने के लिए ड्राइवर लाइसेंस अयोग्य.
-नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक को 25 हजार रुपए का जुर्माना भरने के साथ-साथ 3 साल की सजा हो सकती है साथ ही जुवेनाइल एक्ट के तहत मामला चलेगा.
-हिट-एंड-रन के केस में सरकार पीडि़त के परिजनों को 2 लाख या इससे ज्यादा का मुआवजा देगी.
-रोड रेगुलेशन्स के उल्लंघन पर अब 100 नहीं, 500 रुपए का जुर्माना.
-अथॉरिटी के आदेशों के उल्लंघन पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 2,000 रुपए.
-लाइसेंस के बिना अनाधिकृत वाहन इस्तेमाल करने पर जुर्माना 1000 से बढ़ाकर 2000 रुपए.
-लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 5,000 रुपए.
-ड्राइविंग क्वालिफिकेशन के बिना ड्राइव करने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 10000 रुपए.
-बगैर हेलमेट पर एक हजार रुपए और ओवर लोडिंग पर दो हजार रुपए जुर्माना.
-ओवरसाइज्ड व्हीकल पर 5000 का जुर्माना, ओवर स्पीडिंग पर जुर्माना 400 से बढ़ाकर स्डट के लिए 1000 और मीडियम पैसेंजर व्हीकल के लिए 2000 का जुर्माना.
-खतरनाक ड्राइविंग करने पर जुर्माना 1000 से बढ़ाकर 5000 रुपए.
-शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2 हजार की बजाय 10 हजार रुपए जुर्माना लगेगा.
-स्पीडिंग या रेसिंग करने पर 2000 की बजाय 10000 भरने होंगे.
-बिना परमिट के गाड़ी चलाने पर 5000 से बढ़ाकर 10000 रुपए.
-एंबुलेंस जैसी आपातकालीन गाडिय़ों को रास्ता न देने पर 10ए000 रुपए का जुर्माना या फिर 6 माह की जेल.
-बिना बीमा वाहन होने पर 1000 से जुर्माना बढ़ाकर 2000 रुपए.
-लर्निंग लाइसेंस के लिए पहचान पत्र का ऑनलाइन वैरीफिकेशन अनिवार्य.
-कमर्शियल लाइसेंस 3 के बजाय 5 साल के लिए मान्य होंगे.
-नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस और व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए आधार अनिवार्य होगा.
-सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1000 रुपए का जुर्माना देना होगा.
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