नई दिल्ली. एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया रद्द करने के संबंध में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि विनिवेश की प्रक्रिया एक नीतिगत निर्णय है. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही थी और सरकार अधिक नुकसान नहीं उठा सकती थी. वहीं टाटा संस की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया है कि एयर इंडिया की बोली लगाने वाली कंपनी 100 प्रतिशत भारतीय है.
बता दें अपनी याचिका में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली प्रक्रिया मनमानी, भ्रष्ट, दुर्भावनापूर्ण, असंवैधानिक और जनहित के खिलाफ थी. उन्होंने याचिका में यहां तक आरोप लगाया है कि टाटा संस ने इस संबंध में धांधली की गई है. स्वामी ने अधिवक्ता सत्य सबरवाल के माध्यम से दायर याचिका में अधिकारियों की भूमिका और कार्यशैली की सीबीआई जांच कराने और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने का भी अनुरोध किया था.
पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार ने टाटा संस की एक कंपनी द्वारा एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के 100 प्रतिशत शेयरों के साथ-साथ ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ कंपनी एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए पेश की गई उच्चतम बोली को स्वीकार किया था. इधर माना जा रहा है कि एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपने का काम इस महीने पूरा हो सकता है. रेग्युलेटरी अप्रूवल में विलंब के कारण जो डील दिसंबर के अंत तक पूरी हो जानी चाहिए थी, वह अब महीने में पूरी होगी. 20 दिसंबर को CCI यानी कॉम्पटिशन कमिशन ऑफ इंडिया से भी इस डील को मंजूरी मिल गई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में जिम के अंदर महिला के साथ गैंगरेप, फैक्ट्री मालिक समेत 3 आरोपी गिरफ्तार
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