मास्को. भारी-भरकम रॉकेट अंगारा-ए5 को बीते साल 27 दिसंबर को रूस के उत्तर-पश्चिमी आर्कान्जेस्क क्षेत्र के प्लासेत्स्क स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया गया था. सरकारी समाचार एजेंसी टास के अनुसार, लॉन्च के जरिए नए अपर स्टेज रॉकेट का परीक्षण किया गया है, जिसे पर्सी बूस्टर के तौर पर जाना जाता है . जिसके बाद इसके इंजन फेल हो गए. इससे पहले अमेरिकी स्पेस कमांड ने बताया था कि रॉकेट ने पृथ्वी के वातावरण में दोबारा दोपहर के 2:08 बजे प्रवेश किया था. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह प्रशांत महासागर में गिरा है. लेकिन सागर के कौन से स्थान पर गिरा है, ये पता लगा पाना मुश्किल है.
एक दिन पहले यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के स्पेस डेबरिस ऑफिस के प्रमुख, होल्गर क्राग ने कहा था कि रूसी रॉकेट का एक हिस्सा 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड (4.7 मील प्रति सेकंड) की गति से यात्रा कर रहा था. क्राग ने कहा, ‘इसकी संभावना बहुत कम है कि रॉकेट किसी को नुकसान पहुंचाएगा या किसी को चोट पहुंचाएगा, लेकिन फिर भी इसके जोखिम असल में हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’ इससे पहले मई 2021 में नासा ने चीन को भी काफी फटकार लगाई थी. क्योंकि उसके अनियंत्रित रॉकेट का मलबा अंतरिक्ष स्टेशन से हिंद महासागर में गिर गया था. नासा ने कहा था कि चीन मलबे के ‘जिम्मेदार मानकों को पूरा करने’ में विफल रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ब्रिटेन में बेलारूस के दूतावास पर हमला, एक राजनयिक गंभीर रूप से घायल
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