कोरोना की तीसरी लहर से फिर चरमराई अर्थव्यवस्था, CAIT ने कहा- पूरे देश में 45 फीसदी व्यापार गिरा

कोरोना की तीसरी लहर से फिर चरमराई अर्थव्यवस्था, CAIT ने कहा- पूरे देश में 45 फीसदी व्यापार गिरा

प्रेषित समय :13:58:47 PM / Sat, Jan 8th, 2022

नई दिल्ली. कोरोना के मामलों में देश भर में तेजी होने तथा विभिन्न राज्यों द्वारा अनेक प्रकार के प्रतिबन्ध लगाए जाने का सीधा असर देश भर में व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है. इसके चलते देश भर में विभिन्न सामानों का व्यापार पिछले 10 दिनों में औसतन 45 % कम हुआ है. देश में कुल रिटेल व्यापार लगभग 125 लाख करोड़ रुपए का होता है. यह बताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है की कोरोना से बचाव के लिए हर संभव कदम उठाये जाएं. इस पर कोई दो राय नहीं हो सकती है किन्तु प्रतिबंधों के साथ व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलती रहें. इसको ध्यान में रख कर तथा देश भर के व्यापारी संगठनों के साथ राय -मशवरा करते हुए ही यदि कोरोना से संबंधित कदम उठाये जाएं तो ज्यादा ठीक होगा.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की कोरोना के विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों के चलते देश भर में पिछले दस दिनों के व्यापार में औसतन 45 प्रतिशत की गिरावट आई है. शहर से बाहर का आने वाला खरीददार अपने शहर से बाहर नहीं निकल रहा है जबकि रिटेल की खरीददारी करने के लिए उपभोक्ता भी जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं. इस दोहरी मार से देश का व्यापार बुरी तरह अभी से अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है, जिस पर केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया की कैट के रिसर्च संगठन कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने 1 जनवरी से 6 जनवरी तक देश के विभिन्न राज्यों के 36 शहर जिन्हे कैट ने ” वितरण केंद्र ” का दर्ज़ा दिया है, में कोरोना के बढ़ते स्वरुप और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों का व्यापार पर क्या असर पड़ा है, पर व्यापारियों के बीच एक सर्वे किया. इस सर्वे से यह पता लगा है की बीते सप्ताह देश के घरेलू व्यापार में लगभग 45 प्रतिशत की औसतन गिरावट आई है. इस गिरावट का मुख्य कारण कोरोना की तीसरी लहर से लोगों में घबराहट, पड़ोसी शहरों से वितरण केंद्र पर सामान खरीदने का न आना,व्यापारियों के पास पैसे की तंगी,उधार में बड़ी रकमों का फंसना और इसके साथ ही बिना व्यापारियों से सलाह के बेतरतीब तरीके से कोविड प्रतिबन्ध लगाना भी शामिल हैं.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया की मौटे तौर पर एफएमसीजी में 35 %, इलेक्ट्रॉनिक्स में 45 % मोबाइल में 50 % , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 30 %, फुटवियर में 60 % ज्वेलरी में 30 %, खिलौनों में 65 %, गिफ्ट आइटम्स में 65 %, बिल्डर हार्डवेयर में 40 %, सेनेटरीवेयर में 50 % परिधान में 30 %, कॉस्मेटिक्स में 25 %, फर्नीचर में 40 %, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 40 %, इलेक्ट्रिकल सामान में 35 %, सूटकेस एवं लगैज में 45 %, खाद्यान्न में 20 %, रसोई उपकरणों में 45 %, घड़ियों में 35 %, कंप्यूटर एवं कम्प्यूटर के सामान में 30 %, स्टेशनरी में 35 % के व्यापार की अनुमानित गिरावट है.

भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी बताया की शादियों के सीजन का व्यापार जो मकर संक्राति के दिन 14 जनवरी से शुरू होगा तथा जिसमें आगामी ढाई महीने में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार होने का अनुमान था , उसमें विभिन्न सरकारों द्वारा शामिल होने वाले लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों से इस व्यापार में सीधे लगभग 75 प्रतिशत की गिरावट आई है. अब यह अनुमान है की इस व्यापर वर्टिकल में आगामी ढाई महीने में लगभग 1 .25 लाख करोड़ रुपए का व्यापार ही होने की सम्भावना है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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