रायपुर. छत्तीसगढ़ में सरपंचों की 29 और पंचों की 204 कुर्सी फिर खाली ही रह जाएगी. वजह यह है कि इन पदों के लिए किसी ने नामांकन ही जमा नहीं किया है. इनमें से आधे से अधिक पद पिछले दो-ढाई सालों से खाली पड़े हैं. इनमें पंच के 77 और सरपंच के छह पद अकेले नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के पांच जिलों के हैं. कांकेर जिले में पंच के सर्वाधिक 64 पदों के लिए एक भी नामांकन नहीं हुआ है. इसी तरह सूरजपुर में 24 और रायगढ़ में पंच के 20 पदों पर नामांकन नहीं हुआ है. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार इन पदों के लिए छह महीने के भीतर फिर से चुनाव कराए जाएंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. तय कार्यक्रम के अनुसार जिन पदों पर दो या उससे अधिक प्रत्याशी हैं, वहां 20 जनवरी को मतदान होगा. इधर, जिन जिलों में पंच और सरपंच के पद के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं किए गए हैं, उनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर समेत कई मैदानी जिले भी शामिल हैं. राजनीतिक दलों के लोग और चुनाव आयोग से जुड़े अफसरों की राय में नामांकन जमा नहीं होने की सबसे बड़ी वजह जागरूकता की कमी है. इसके लिए राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए. पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते. माना जाता है कि इसकी वजह से भी पंचायत चुनाव में लोगों की दिलचस्पी कम रहती है.
जागरुक हो रहे हैं लोग
राज्य के पूर्व निर्वाचन आयुक्त डा. सुशील त्रिवेदी के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नामांकन जमा नहीं होने की सबसे बड़ी वजह नक्सली भय ही है. पहले बड़ी संख्या में पद खाली रह जाते थे. लेकिन जैसे-जैसे नक्सलवाद सिमट रहा है, लोग जागरुक हो रहे हैं. यही वजह है कि अब खाली पदों की संख्या में भी कमी होती जा रही है.
कम समय के लिए नहीं लडऩा चाहते चुनाव
मैदानी क्षेत्रों में नामांकन दाखिल नहीं करने की बड़ी वजह छोटा कार्यकाल है. जानकारों की राय में जो पद खाली रह गए हैं, उनमें अधिकांश पदों पर उपचुनाव हो रहा है. ऐसे में चुनाव जीतने वाले को काम करने का कम वक्त मिलेगा. इस वजह से भी उपचुनाव लडऩे से लोग कतराते हैं.
11 पदों के सभी नामांकन निरस्त
पंच के 10 और सरपंच के एक पद के लिए जमा किए गए सभी नामांकन जांच के दौरान निरस्त कर दिए गए हैं. इसी तरह पंच का एक और सरपंच के तीन पद के लिए कोर्ट केस की वजह से चुनाव नहीं हो पा रहा है.
नक्सल भय से नारायणपुर में छह सरपंचों का इस्तीफा
इधर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के ओरछा और अबूझमाड़ की छह ग्राम पंचातयों के सरपंचों ने नक्सली दहशत के कारण इस्तीफा दे दिया है. इसे लेकर शनिवार को रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस प्रकार की यदि घटना हुई है तो मैं जानकारी ले लेता हूं कि किन परिस्थितियों में यह हुआ है. वहीं, नारायणपुर के कलेक्टर धर्मेश साहू ने कहा कि इस्तीफे पिछले दो-ढाई साल के दौरान हुए होंगे. अभी इस तरह की कोई सूचना नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छत्तीसगढ़: सुकमा में नए साल के पहले दिन पुलिस के सामने 44 नक्सलियों ने समर्पण किया, दो लाख का ईनामी
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