म्यांमार की अदालत ने सू ची को सुनाई चार साल की सजा, सेना ने लगाए थे गंभीर आरोप

म्यांमार की अदालत ने सू ची को सुनाई चार साल की सजा, सेना ने लगाए थे गंभीर आरोप

प्रेषित समय :13:56:56 PM / Mon, Jan 10th, 2022

नाएप्यीडॉ. म्यांमार की एक अदालत ने देश की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को अवैध रूप से ‘वॉकी-टॉकी’ आयात करने, रखने और कोरोना वायरस संबंधी पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए दोषी पाए जाने के बाद सोमवार को चार और साल कैद की सजा सुनाई. सू ची को पिछले महीने दो अन्य मामलों में दोषी ठहराया गया था और चार साल की जेल की सजा दी गई थी. जिसे बाद में देश की सैन्य सरकार के प्रमुख ने आधा कर दिया था.

सेना द्वारा पिछले साल फरवरी में म्यांमार में सू ची की सरकार को बेदखल करने और सत्ता की बागडौर अपने हाथ में लेने के बाद से 76 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता के खिलाफ दायर किए गए लगभग एक दर्जन मामलों में ये मामले भी शामिल हैं. सू ची के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप सेना के कार्यों को वैध बनाने और उन्हें राजनीति में लौटने से रोकने के लिए लगाए गए हैं.

सू ची की पार्टी ने पिछले आम चुनावों में भारी जीत हासिल की थी लेकिन सेना ने कहा था कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई. हालांकि, स्वतंत्र चुनाव निगरानी संस्था को इस दावे पर संदेह था. सू ची के समर्थकों और स्वतंत्र विश्लेषकों का कहना था कि उनके खिलाफ सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. अगर वह सभी आरोपों में दोषी पायी जाती हैं तो उन्हें 100 से अधिक वर्षों की जेल की सजा हो सकती है.

लोकतंत्र समर्थक नेता सू ची को छह दिसंबर को दो अन्य आरोपों- कोविड-19 पाबंदियों का उल्लंघन करने तथा लोगों को इसका उल्लंघन करने के लिए उकसाने का दोषी ठहराया गया था और चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाए जाने के बाद सैन्य सरकार के प्रमुख ने उनकी सजा आधी कर दी थी. उन्हें सेना ने एक अज्ञात स्थान पर रखा है. सरकारी टेलीविजन की खबर के मुताबिक, वह अपनी सजा वहीं काटेंगी

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

स्वतंत्रता का अधिकार महत्वपूर्ण, लेकिन जमानत देते समय आरोपों की अनदेखी नहीं कर सकती अदालत: सुप्रीम कोर्ट

अमेरिका में अब कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य, US अदालत ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के फैसले को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने किया स्पष्ट: हमने नहीं कहा दिल्ली सरकार बंद करे स्कूल, शीर्ष अदालत को खलनायक के रूप में किया गया पेश

पेगासस के खिलाफ अदालत पहुंचा दिग्गज टेक्नॉलजी कंपनी ऐपल

परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, शीर्ष अदालत की दो टूक-पहले बताएं कहां हैं, फिर करेंगे सुनवाई

Leave a Reply