नई दिल्ली. रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला किया है. अब ट्रेन के गार्ड को गार्ड नहीं कहा जाएगा. बल्कि वे अब ट्रेन मैनेजर कहलाएंगे. रेलवे ने इस फैसले को लेकर अधिकारिक आदेश जारी किया है. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक रेल कर्मचारी संघों की लंबे समय से पोस्ट में बदलाव करने की मांग थी. लेकिन गार्ड के कामों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. यानी वो वहीं काम करेंगे जो पहले करते थे.
रेलवे बोर्ड ने आदेश में गार्डों को ट्रेन मैनेजर का नाम देने का निर्देश जारी किया गया है. असिस्टेंट गार्ड को असिस्टेंट पैसेंजर ट्रेन मैनेजर और सीनियर पैसेंजर गार्ड को सीनियर पैसेंजर ट्रेन मैनेजर के रूप में फिर से नामित किया गया है. गार्ड के कामों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इसके अलावा उन्हें पहले की तरह ही सैलरी मिलती रहेगी. बता दें कि गार्ड की शुरुआती सैलरी करीब 30 हज़ार रुपये है. इसके अलावा उन्हें कई तरह के भत्ते भी दिए जाते है. उदाहरण के लिए मालगाड़ी के गार्ड को हर किलोमीटर के हिसाब से भी भत्ते दिए जाते हैं. लिहाजा उन्हें कुल मिलाकर करीब 60 हज़ार रुपये मिलते हैं.
कहा जा रहा है कि रेलवे अब कॉर्पोरेट की तरह अपनी इमेज बदलने में जुटा है. हाल ही में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को सीईओ का नाम दिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि रेलवे प्रावेट कंपनियों को ट्रेनों के संचालन की अनुमति देने की योजना बना रहा है. लिहाजा नामकरण में ये बदलाव स्वाभाविक हैं और रेलवे के आधुनिकीकरण के अनुरूप हैं. एक अधिकारी ने कहा, ये काफी उपयुक्त होगा कि ट्रेन गार्ड के मौजूदा पदनाम को ट्रेन मैनेजर में बदल दिया जाए, जो बिना किसी वित्तीय प्रभाव के उनके लिए एक सम्मानजनक पदनाम होगा, ताकि वे समाज में एक सम्मानजनक जीवन जी सकें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली की गाजीपुर मंडी में लावारिस बैग से मिला IED, एनएसजी ने कंट्रोल्ड ब्लास्ट कर किया निष्क्रिय
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