कोलार. कर्नाटक के कोलार जिले के एक सरकारी स्कूल में लगभग 20 बच्चों को कथित तौर पर हर शुक्रवार को कक्षा में नमाज अदा करने की परमिशन दी गई थी. जब इस मामले की भनक हिंदू समर्थक संगठन को लगी तो उन्होंने इसका तुरंत विरोध किया और इसको बंद करवा दिया. फिलहाल कोलार के जिला कलेक्टर उमेश कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं. डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन रेवाना सिद्दप्पा अब स्कूल का दौरा करेंगे और इस संबंध में जानकारी जुटाकर विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे.
मुलबगल सोमेश्वर पलाया बाले चंगप्पा सरकारी कन्नड़ मॉडल हायर प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने इस मामले में कहा कि वह ऐसा दो महीने पहले स्कूल खुलने के बाद से कर रहे हैं. बीच में स्कूल कोविड-19 की वजह से बंद था. मुस्लिम छात्रों ने बताया कि वह ऐसा स्कूल की प्रिंसिपल की अनुमति पर कर रहे थे. इस मामले में जब स्कूल की प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता. मैंने उनको कोई परमिशन नहीं दी थी. उन्होंने ऐसा अपनी मर्जी से किया.
उन्होंने कहा कि जब स्कूल में छात्र नमाज पढ़ रहे थे, तब वे स्कूल में नहीं थीं. उन्हें ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का फोन आया, तब इस बारे में उन्हें जानकारी मिली. सूत्रों के मुताबिक, प्रिंसिपल ने छात्रों को नमाज के लिए बाहर जाने से रोकने के लिए कक्षा में नमाज अदा करने की अनुमति दी. हालांकि, अब वो इससे इनकार कर रही हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रिंसिपल के इस फैसले से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है. रामकृष्णप्पा जो स्कूल के निकट ही रहते हैं, उनका कहना है कि इस मामले की वजह से इलाके के लोगों को दुख पहुंचा है. उन्होंने बताया कि इस स्कूल का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है. यहां से कई छात्र आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन चुके हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कर्नाटक और तमिलनाडु में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.6 रही तीव्रता
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