भारत में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी महिला को हुई सजा, ठाणे की अदालत ने सुनाई ढाई साल कैद की सजा

भारत में अवैध रूप से रह रही बांग्लादेशी महिला को हुई सजा, ठाणे की अदालत ने सुनाई ढाई साल कैद की सजा

प्रेषित समय :15:44:47 PM / Thu, Jan 27th, 2022

ठाणे. महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने बांग्लादेश की एक 25 वर्षीय महिला को देश में अवैध रूप से रहने के आरोप में करीब ढाई साल की जेल की सजा सुनाई है. जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.एस. पंधारीकर ने बांग्लादेश के नोदल जिले की निवासी रिमी मोहम्मद रमजान सिद्दर को भारतीय पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी पाया है. महिला को 2 साल 5 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है और 14,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. अदालत ने यह आदेश 21 जनवरी को सुनाया था. इसकी प्रति गुरुवार को उपलब्ध हुई.

अतिरिक्त लोक अभियोजक ने अदालत को सूचित किया कि मई 2019 में, जिला पुलिस के अवैध तस्करी प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने काशीमीरा स्लम इलाके में तलाशी ली थी और वहां अवैध रूप से रह रही तीन बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि यह पाया गया कि महिलाओं के पास भारत में रहने के लिए पासपोर्ट या वीजा नहीं था. उन्होंने कहा कि दो अन्य महिलाएं जमानत पर हैं.

ठाणे की अदालत ने 21 जनवरी को कालीचरण बाबा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने दो दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी. कालीचरण बाबा को ठाणे कोर्ट ने 3 फरवरी 2022 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जिसके बाद पुलिस ने बाबा कालीचरण को रायपुर जेल भेज दिया है. कालीचरण बाबा ने कल्याण, पुणे और अन्य स्थानों पर सार्वजनिक समारोहों में महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे. राज्य के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने 29 दिसंबर को ठाणे के नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत के मुताबिक नौपाड़ा पुलिस ने कालीचरण बाबा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने दो दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं अदालत के बाहर कार्यकर्ताओं ने कालीचरण के समर्थन में जय श्री राम के नारे लगाए. वर्धा में कालीचरण के खिलाफ रायपुर में महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का मामला भी दर्ज किया गया है. पुलिस ने 12 जनवरी को कालीचरण को वर्धा जिला सत्र न्यायालय में पेश किया. उस वक्त पुलिस ने पुलिस रिमांड की मांग की थी. हालांकि, कालीचरण महाराज को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अदालत ने कालीचरण को 25 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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