प्रदीप द्विवेदी. कहा जाता है कि औरत की दुश्मन औरत ही होती है, यह सही है या गलत?
इस बार यूपी के चुनाव में साबित हो जाएगा!
दुनिया की आधी आबादी-महिलाओं को उनका पूरा हक हासिल करने के लिए अवसर नहीं मिलना, सबसे बड़ी बाधा समझी जाती है, जैसे- जब किसी चुनाव में पर्याप्त महिला उम्मीदवार ही नहीं होंगे, तो आधी आबादी को पूरा प्रतिनिधित्व कैसे मिलेगा?
लेकिन, इस बार ऐसा नहीं है, संभवतया यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार सर्वाधिक महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगी, क्योंकि कांग्रेस चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं को दे रही है, तो बीजेपी, सपा, बसपा भी दस-बीस प्रतिशत महिलाओं को तो टिकट देंगी ही?
यदि उत्तर प्रदेश की सभी महिला मतदाता यह तय कर लें कि उनका वोट किसी महिला उम्मीदवार को ही जाएगा, चाहे वह किसी भी दल की हों, तो इस बार यूपी विधानसभा में विधायक बनकर सर्वाधिक महिलाओं को पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है?
देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यूपी में क्या औरत, औरत के कारण ही हारती है?
सियासी सयानों का कहना है कि- यदि यूपी में अपना हक हासिल करने में औरत हार जाए तो मर्दों को दोष मत देना?
यदि यूपी में असली जातिवाद चला, तो आधी आबादी को पूरा हक मिल जाएगा?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यदि यूपी में असली जातिवाद चला, तो आधी आबादी को पूरा हक मिल जाएगा? news in hindi https://t.co/0KvZB9P45F
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) January 25, 2022
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यदि यूपी में असली जातिवाद चला, तो आधी आबादी को पूरा हक मिल जाएगा?
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