नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए एग्जिट पोल पर रोक लगा दी है. आयोग द्वारा लगाई गई ये रोक 10 फरवरी से सात मार्च तक जारी रहेगी. राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश में इस बार सात चरणों में मतदान संपन्न होगा और इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी, जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.
समाजवादी पार्टी ने की थी ओपिनियन पोल को बंद कराने की मांग
गौरतलब है कि सपा ने निर्वाचन आयोग से समाचार चैनलों पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल को आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए बंद कराने की मांग की थी. इसी के मद्देनजर सपा ने बीते 23 जनवरी को विभिन्न समाचार चैनल पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल के प्रसारण पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए इस सिलसिले में निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा था.
आयोग को लिखे पत्र में क्या कहा था समाजवादी पार्टी ने
पटेल ने पत्र में कहा था कि उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के बाद से कई चैनल ओपिनियन पोल दिखा रहे हैं जिससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं और चुनाव प्रभावित हो रहा है. यह कार्य आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. पटेल ने मांग की थी कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भीक चुनाव सम्पन्न कराने के लिए न्यूज चैनल द्वारा दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत इन प्रदेशों में बारिश से और बढ़ेगी सर्दी; IMD ने जारी की चेतावनी
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