नई दिल्ली. रेलवे गोदामों में काम करने वाले कामगारों के लिए अच्छी खबर है. श्रम मंत्रालय ने रेलवे गोदाम श्रमिकों को मान्यता दे दी है. इससे उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की अनुमति मिल गई है. रेलवे गोदाम श्रमिकों को गोदाम श्रमिकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है और पोर्टल पर पंजीकरण, नेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ ऑक्यूपेशन पर आधारित है. ई-श्रम पोर्टल पर सूची को हाल में संशोधित किया गया था और अब इसमें लगभग 400 पेशे शामिल हैं. आपको बता दें कि ई-श्रम पोर्टल पर 24 करोड़ से अधिक कामगार रजिस्टर्ड हो चुके हैं.
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, यह पहला राष्ट्रीय डेटाबेस जिसमें असंगठित कामगार, गिग प्लेटफॉर्म कामगार और निर्माण कामगार शामिल हैं. पंजीकरण में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर साथ ही पश्चिम बंगाल और बिहार क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर है. असंगठित कामगारों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा लाभों के वितरण में मददगार होगा. मौजूदा सूची में पहले से ही गोदाम श्रमिक एक पेशा है. बहरहाल, रेलवे गोदाम श्रमिकों की सुविधा के लिए गोदाम श्रमिक पेशे में थोड़ा बदलाव किया गया और इसे गोदाम श्रमिक/रेलवे गोदाम श्रमिक कर दिया गया है. अब गोदाम श्रमिक इस पेशे के तहत पंजीकरण करा सकते हैं.
श्रमिकों के प्रवक्ता परिमल कांति मंडल ने कहा, इंसान की जिंदगी में पहचान सबसे अहम चीज होती है. भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने हमारे माल गोदाम श्रमिकों को पहचान देकर उनके जीवन में एक नई दिशा दी है. उन्होंने कहा, आज रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ के कर्मचारी उम्मीद की किरण देख रहे हैं. अभी हमारी सभी मांगे नहीं मानी गई हैं, लेकिन कुछ पर मंत्रालय विचार कर रहा है.
देश के किसी भी कोने में काम करने वाला असंगठित क्षेत्र का कामगार ई-श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. पंजीकरण के लिए तीन विकल्प उपलब्ध है, जिसमें से पहला सेल्फ रजिस्ट्रेशन, दूसरा कॉमन सर्विस सेंटर और तीसरा स्टेट सेवा केंद्र है. वैसे तो आप ऑनलाइन जाकर खुद भी पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकते हैं.
लेकिन अगर आप खुद रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना चाहते हैं तो कॉमन सर्विस सेंटर में जाएं. जारी आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा कामगारों ने कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर ही रजिस्ट्रेशन करवाया है, इसके बाद सेल्फ पंजीकरण करने वाले लोग है. वहीं बहुत कम लोगों ने स्टेट सेवा केंद्र पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाया है.
ई-श्रम पोर्टल से जुड़ने वाले श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपये तक का बीमा लाभ मिलता है. वहीं इसमें बीमा के लिए प्रीमियम देने की जरूरत नहीं पड़ती है. दरअसल, अगर श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, या फिर पूर्ण रूप से विकलांग हो जाते हैं तो 2 लाख रुपये की बीमा राशि मिलेगी. वहीं आंशिक रूप से विकलांगता पर 1 लाख रुपये की बीमा राशि मिलती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बंद किया MPhil, अगले एकेडमिक सेशन से नहीं होगा इस कोर्स में एडमिशन
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