बीजिंग. दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन घटती जनसंख्या के कारण दिक्कतों का सामना कर रहा है. कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार अब आबादी बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय लागू कर रही है. देश से वन चाइल्ड पॉलिसी को हटा दिया गया है, बावजूद इसके कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा. ऐसी स्थिति में चीन लोगों को शादी करने और बच्चे पैदा करने पर कई ऑफर दे रहा है. ताकि घटती जनसंख्या और बुजुर्गों की तेजी से बढ़ती संख्या से निपटा जा सके.
टाइम्स ऑफ इजरायल में प्रकाशित एक ब्लॉग में सेंटर फॉर पॉलिटिकल एंड फॉरेन अफेयर्स के अध्यक्ष फैबियन बौसार्ट ने कहा कि चीन ने प्रोत्साहन के रूप में बेबी बोनस, अधिक भुगतान वाली छुट्टी, कर में कटौती और बच्चे के पालन-पोषण की सब्सिडी की पेशकश की है. चीनी अधिकारी विभिन्न संगठनों के माध्यम से लोगों को तीन बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. बीजिंग डाबिनॉन्ग टेक्नोलॉजी ग्रुप अपने कर्मचारियों को 90,000 युआन तक नकद, 12 महीने का मातृत्व अवकाश और 9 दिनों का पैटर्नल अवकाश दे रहा है. ऑनलाइन ट्रैवल कंपनियों ने भी कई ऑफर्स की घोषणा की है.
कंपनी के मैनेजरों को अपने एग सुरक्षित रखने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. अगस्त में जनसंख्या और परिवार नियोजन अधिनियम पारित होने के बाद से चीन में 20 से अधिक प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों ने बच्चे के जन्म से जुड़े नियमों में संशोधन किया है. चीन की सरकारी समाचार वेबसाइट शिन्हुआ के अनुसार, बीजिंग, सिचुआन और जियानक्सी सहित कई क्षेत्रों ने इस संबंध में तमाम सहायक उपायों की घोषणा की गई है. इनमें पितृत्व अवकाश, मातृत्व अवकाश का विस्तार और शादी के लिए छुट्टी और पितृत्व अवकाश का विस्तार शामिल है.
चीन की आबादी लगातार पांचवें साल कम हुई है. पिछले साल के अंत में चीन की जनसंख्या 1.4126 बिलियन थी, पांच लाख से भी कम की वृद्धि दर्ज हुई. जन्म दर में लगातार पांचवें साल गिरावट दर्ज की गई है. ये आंकड़े दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश पर मंडरा रहे जनसांख्यिकीय खतरे और इससे होने वाले आर्थिक खतरे की आशंका के बारे में बताते हैं. नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक, साल 2021 के अंत तक चीन में जनसंख्या 2020 में 1.4120 बिलियन से बढ़कर 1.4126 बिलियन हो गई. 2020 में 1.06 करोड़ की तुलना में चीन की जनसंख्या में एक साल में 480,000 की वृद्धि हुई है.
इसके कारण युवाओं की संख्या कम हो रही है और बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है. जो आर्थिक और अन्य कई कारणों से सरकार और दूसरे लोगों पर निर्भर हैं. इससे देश की आर्थिक प्रगति भी अवरुद्ध हो सकती है, क्योंकि उसके लिए काम करने वाले युवाओं की संख्या कम हो रही है (China Population Billion). जबकि सरकार से तमाम भत्ते जैसे पेंशन और हेल्थ सुविधाएं लेने वाले बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है. आसान भाषा में कहें, तो चीन की आबादी बूढ़ी होती जा रही है. जो अर्थव्यवस्था या देश के विकास के लिए काम नहीं कर सकती. जबकि युवा शादी करने और बच्चा पैदा करने से बच रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चीन ने अरुणाचल प्रदेश के लापता युवक को भारतीय सेना को सौंपा: किरेन रिजिजू
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