मुंबई. मालेगांव 2008 बम विस्फोट मामले में गुरुवार को राष्ट्रीय एजेंसी NIA कोर्ट में एक और गवाह अपनी बात से मुकर गया. गवाह ने कोर्ट में कहा की उसे ATS ने मालेगांव बम धमाके के बाद जबरन चार दिनों तक बंदी बनाए रखा, उसे धमकी दी गई और बंदूक की नोक पर RSS और दूसरी संस्थाओं के नाम लेने को कहा गया था.
गवाह ने NIA कोर्ट में सीधे तौर पर कहा कि महाराष्ट्र ATS के अधिकारी उसे जबरन झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रहे थे. इसके साथ ही गवाह ने कोर्ट में अधिकारियों के खिलाफ यह आरोप भी लगाया कि एटीएस के अधिकारियों ने उसके साथ जमकर मारपीट भी की है.
यह पहला ऐसा मौका नहीं ही कि जब किसी गवाह ने इस मामले पर एटीएस अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं. इससे पहले भी एक गवाह ने NIA कोर्ट में यह कहा था कि महाराष्ट्र ATS के अधिकारियों ने कई दिनों तक उसे गलत तरीके से हिरासत में रखा था और साथ ही बीजेपी और आरएसएस से जुड़े बड़े नेताओं के नाम लेने के लिए मजबूर किया था. उस गवाह ने यह भी कहा था कि एटीएस के अधिकारी जबरन गवाह को योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए कह रहे थे.
आपको बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट में कुल 220 गवाह है, जिसमें 17 गवाह अपनी बात से मुकर चुके हैं. मालेगांव 2008 बम धमाके का ट्रायल मुंबई की स्पेशल NIA कोर्ट में चल रहा है. 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम धमाका हुया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो हुए थे. शुरुआत में इस मामले की जांच महाराष्ट्र की एटीएस कर रही थी लेकिन बाद में इसे NIA को ट्रांसफर कर दिया गया था. NIA कोर्ट में लगातार महाराष्ट्र एटीएस पर मामले की जांच को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-झारखंड: सरिया फैक्ट्री में ब्लास्ट, तेल की टंकी फटने से तीन मजदूर गंभीर रुप से जख्मी
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