बूंदी. राजस्थान में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के काफिले पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोटा-बूंदी राजमार्ग पर स्थित बल्लोभ गांव में विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हमला किया. पूनिया कोटा के तत्कालीन राजा ब्रजराज सिंह की शोक सभा में भाग लेने के बाद कोटा से लौट रहे थे. विपक्षी दल बीजेपी ने कांग्रेस पर पूनिया की कार पर कथित रूप से पथराव करने का आरोप भी लगाया है. वहीं सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने सभी आरोपों से इनकार किया है. हालांकि बूंदी पुलिस ने कथित घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
बता दें कि मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें पूनिया की कार के आसपास भीड़ जमा होती दिख रही है, नारेबाजी कर रही है और काले झंडे दिखा रही है, इसी बीच एक अज्ञात व्यक्ति की आवाज कहती है कि वाहन पर पथराव किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सतीश पूनिया ने इस घटना के बाद कहा कि वह कोटा में एक शाही परिवार के सदस्य की शोक सभा के लिए गए थे तभी रास्ते में अचानक, बिना किसी कारण के, 200-300 लोगों ने मेरे काफिले को घेर लिया. पूनिया ने आरोप लगाया कि उन्होंने मुझे कार से खींचने की कोशिश की और मेरे गनमैन के साथ मारपीट भी की. यहां तक कि जब मेरे गनमैन ने गोली चलाने की धमकी दी तब भी वह पीछे नहीं हटे. पूनिया ने कहा कि मैंने अपने 30 सालों की राजनीति में ऐसा कभी नहीं देखा.
पूनिया ने आरोप लगाया कि विरोध में मौजूद लोग शहरी विकास और आवास मंत्री शांति धारीवाल के करीबी थे और उसमें कांग्रेस के एक अन्य नेता राजेंद्र सांखला भी शामिल थे. वहीं भीड़ शांति धारीवाल के पक्ष में नारे लगा रही थी. पूनिया ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि उनके पास यह साहस होगा जब तक कि उन्हें सरकार का संरक्षण नहीं मिलता.
वहीं इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष के उपनेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर हमला कांग्रेस के खेमे में हताशा को दर्शाता है जो रीट पेपर लीक जैसी घटनाओं से उजागर हो गई है. राठौड़ ने आरोप लगाया कि घटना पुलिस की उपस्थिति में हुई है. अगर कांग्रेस विपक्ष की आवाज को दबाती रही तो बीजेपी कार्यकर्ता सीएम और उनके मंत्रियों के कार्यक्रमों में भी बाधा डालेंगे.
वहीं कोटा के पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष के रूप में पहचाने गए राजेंद्र सांखला ने कहा कि हम आज कोटा-बूंदी हाइवे पर सतीश पूनिया को काले झंडे दिखाने गए थे, जिन्होंने एक दिन पहले कहा था कि कांग्रेस बीजेपी के जूते के बराबर भी नहीं है. सांखना ने नकारते हुए कहा कि हमने न तो गाड़ी पर पथराव किया और न ही कार पर किसी तरह का हमला किया, सभी आरोप बिल्कुल निराधार हैं. सांखला ने कहा कि वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ता ने पूनिया को सिर्फ काले झंडे दिखाए और कोई हिंसा नहीं हुई.
बता दें कि पूनिया के कांग्रेस को लेकर दिए गए बयान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज थे. वहीं घटना के बाद पूनिया ने इस बात से इनकार किया कि इस बयान से इतना बड़ा हमला नहीं हो सकता है. इसके बजाय, उन्होंने कहा, ऐसा इसलिए था क्योंकि रीट पेपर लीक और अलवर में एक नाबालिग लड़की के कथित बलात्कार पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बूंदी के एसपी जय यादव ने घटना के संबंध में बताया कि लगभग 10-15 लोगों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के काफिले को रोका और काले झंडे दिखाए. घटना की जानकारी मिलते ही सीओ केशोरायपाटन शंकर लाल मीणा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे.
अब तक, पथराव की कोई घटना नहीं सामने आई है. पुलिस ने वीडियो के आधार पर शामिल लोगों की पहचान की है, जिसमें राजेंद्र सांखला भी शामिल है जिनको प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करता हुआ देखा गया है. पुलिस ने कोटा के राजेंद्र सांखला और बल्लोभ के अंशु मीणा और कुछ अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 143, 232, 341, 427 के तहत मामला दर्ज किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान की नई आबकारी नीति जारी, एयरपोर्ट पर शराब मिलने के साथ ही खत्म हुआ कोरोना टैक्स
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