दमोह/ हटा. दमोह जिले के हटा में रविवार को एक गाय की मौत के बाद शोक की लहर दौड़ गई. सूचना मिलते ही नगर के लोग गौशाला में जमा हो गए. जिसके बाद गाजे-बाजों के साथ गाय की अंतिम यात्रा निकाली गई. अंतिम विदाई देते समय नगर के लोग भावुक भी हो उठे.
दरअसल, हटा भूतेश्वर महादेव मंदिर में संचालित सुरभि गौशाला में सुबह एक गाय की अचानक मौत हो गई. गौसेवक अंशुल तिवारी ने बताया कि ये गाय करीब डेढ़ वर्ष पहले बीमार अवस्था में सड़क पर पड़ी मिली थी. उसे यहीं गौशाला में रखा गया. करीब एक सप्ताह इलाज के बाद वह ठीक हो गई. लेकिन उसे लेने के लिए कोई नहीं आया.
गौशाला में रहते हुए गाय हष्ट-पुष्ट हो गई, जिसके बाद लोग उसे हाथी गाय के नाम से पुकारने लगे. गौशाला में जिन बछड़ों की मां की मौत हो गई थी. उन्हें हाथी (मृत गाय) अपना दूध पिलाती. मां का ममत्व देती थी. यही नहीं, नगर के छोटे बच्चे भी गाय के थन से मुंह लगाकर दूध पी लेते थे. इसलिए हाथी गाय सबकी चहेती थी. अचानक हाथी गाय की मृत्यु होने की सूचना पर गौसेवकों की भीड़ जमा हो गई.
हाथी गाय को याद रखने निकाली अंतिम यात्रा
गौसेवकों ने गाय की अंतिम यात्रा निकालने का निर्णय लिया. अनाश्रित गायों को लाने वाले रथ मे गाय का श्रृंगार कर रखा गया. लाल चुनरी उढ़ाई गई. इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई. यात्रा में आगे बैंड बाजे चल रहे थे, तो कोई राम धुन गा रहा था. कोई गौमाता के जयकारे लगा रहा था. यात्रा भूतेश्वर मंदिर से शुरू होकर बड़ा बाजार, मंदिर-मस्जिद चौराहा, राय चौराहा, तीन बत्ती तिगड्ड़ा से होते हुए मुक्तिधाम पहुंची.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दमोह-जबलपुर रोड पर भिड़ंत में मोटर साइकलों के परखच्चे उड़े, 3 की मौत, दो गंभीर
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