आजकल जगह की कमी की वजह से कोई ये ध्यान नहीं रख पाता कि घर का मुख किस दिशा की ओर है, कौन सा कक्ष किस ओर है, खिड़कियां दरवाजे कितने और किस दिशा में है. ऐसी स्थिति में घर के भीतर वास्तुदोष होना कोई बड़ी बात नहीं है.
वर्तमान दौर की बात की जाए तो बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें काम की वजह से अपने घर से दूर किसी नई जगह पर किराए का मकान लेकर रहना पड़ रहा है. जाहिर तौर पर वे लोग वास्तु को इतना महत्व तो नहीं देंगे, क्योंकि यहां किराया और कार्यस्थल से दूरी भी मायने रखती है.
जटिल समस्या
अपना घर हो तो थोड़ी बहुत तोड़ताड़ या बदलवा चलता है लेकिन मकान मालिक के घर में तो आप ऐसा कर नहीं सकते इसलिए समस्या थोड़ी और जटिल हो जाती है.
किराये का घर
इसलिए हम उन लोगों को कुछ बेहतरीन वास्तु टिप्स देने जा रहे हैं जो अपने नहीं बल्कि किराये के घर में भी प्रयोग कर सकते हैं. वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आप बड़ी परेशानियों से बच सकते हैं.
वास्तुशास्त्र
वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस भी घर में आप रहे हैं उसका उत्तर-पूर्व भाग खाली रखें. भारी सामान रखना हो तो इसे दक्षिण-पश्चिमी भाग में ही रखें. पानी की सप्लाई के लिए उत्तर-पूर्वी दिशा ही बेहतर होती है.
बेड की दिशा
जिस कमरे में आप सोते हों, आपके बेड की दिशा दक्षिण की तरफ हो. अर्थात आपको दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर ही सोना चाहिए, आपके पैर उत्तर दिशा में होने चाहिए. अगर किसी कारणवश ऐसा संभव ना हो तो पश्चिम दिशा की ओर सिरहाना रख सकते हैं.
भोजन करते समय
भोजन करते समय आपका मुख दक्षिण-पूर्व की ओर होना चाहिए. पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में ही स्थापित करें. लेकिन अगर ये भी संभव ना हो तो पानी ग्रहण करते समय अपना मुख ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर रखें.
Acharya M.K.Mishra
Divya Astrological consultancy
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