एमपी के जबलपुर सेंट्रल जेल में बंदियों को मिलती है एक हजार रुपए में गांजा की पुडिय़ा, पकड़ा गया जेल प्रहरी, मिली 10 पुडिय़ा

एमपी के जबलपुर सेंट्रल जेल में बंदियों को मिलती है एक हजार रुपए में गांजा की पुडिय़ा, पकड़ा गया जेल प्रहरी, मिली 10 पुडिय़ा

प्रेषित समय :16:13:09 PM / Wed, Feb 9th, 2022

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में प्रहरी ही अवैध मादक पदार्थो की तस्करी कर रहे है, ऐसे ही एक जेल प्रहरी को उस वक्त पकड़ा है, जब वह गांजा की पुडिय़ा लेकर गेट से अंदर हो रहा था, तलाशी लेने पर उसके पास से 10 गांजा की पुडिय़ा मिली है, जेल प्रबंधन ने प्रहरी राजेन्द्र राठौर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है, पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि जेल प्रहरी एक हजार रुपए में गांजा की एक पुडिय़ा बेचता रहा.

बताया गया है कि सेना की नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद राजेन्द्र राठौर जेल प्रहरी बन गया, जिसकी ड्यूटी वर्तमान में जबलपुर सेन्ट्रल जेल में है, शासकीय आवास में निवासरत जेल प्रहरी नौकरी की आड़ में लम्बे समय से गांजा का अवैध कारोबार कर रहा है, बीती रात उसकी रात दो बजे से 6 बजे तक ड्यूटी रही, राजेन्द्र राठौर जेब में गांजा की पुडिय़ा रखकर अपने निर्धारित समय पर ड्यूटी पर पहुंच गया, जेल के मुख्यद्वार से जैसे ही वह अंदर जाने को हुआ तो सुरक्षा कर्मियों ने शक होने पर राजेन्द्र की तलाशी लेना शुरु कर दिया, जिसपर राजेन्द्र ने विवाद करना शुरु कर दिया, इसके बाद भी सुरक्षा कर्मियों ने राजेन्द्र की तलाशी ली तो गांजा की पुडिय़ा मिल गई, जेल प्रहरी के पास से गांजा की दस पुडिय़ा मिलने पर तत्काल अधिकारियों को सूचना दी गई. इस घटना के बाद जेल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से जेल प्रहरी राजेन्द्र राठौर को सस्पेंड कर जांच के आदेश दे दिए है, पूछताछ में यह जानकारी भी है कि राजेन्द्र राठौर लम्बे समय से जेल के अंदर बंदियों को गांजा की सप्लाई कर रहा है, जो एक हजार में एक पुडिय़ा गांजा देता है.

इस तरह से बच जाता था जेल प्रहरी-

जेल अधिकारियों के निर्देश है कि जेल प्रहरी अपनी ड्यूटी के निर्धारित समय से 10 मिनट पहले पहुंचे ताकि उनकी तलाशी हो सके, लेकिन जेल प्रहरी तलाशी से बचने के लिए हमेशा 15 मिनट देर से पहुंचता था, ताकि तलाशी से बच जाए, बीती देर रात भी वह देर से पहुंचा और देर होने का कहकर जल्दी अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जेल के सुरक्षा कर्मियों ने संदेह होने पर उसे रोक लिया और तलाशी ली.

गांजा छिपाने वर्दी के पेंट में अलग से जेब बनवाई थी-

तलाशी के दौरान जेल प्रहरी क ी वर्दी के पेंट में अलग से जेब रहा, जिसमें वह गांजा रखकर लाता रहा, वह बेल्ट बांधने की जगह पर जेब बनवाए थे, जहां पर गांजा रखकर बेल्ट लगा लेता था, तलाशी सामान्य तौर पर जेब की होती है, वह बेल्ट बांधने वाले हिस्से में गांजा छिपाकर लाता रहा, जिससे किसी को पता भी नहीं चल पाता था.

जेल प्रबंधन ने नहीं दी पुलिस को सूचना-

जेल के अंदर नशा का सामान पहुंचना कोई नई बात नहीं है, इसके पहले भी दो जेल प्रहरी गांजा लेकर जाते हुए पकड़े जा चुके है, दोनों के खिलाफ जेल प्रबंधन ने सिविल लाइन थाना में एफआईआर भी दर्ज कराई थी, लेकिन राजेन्द्र राठौर के खिलाफ जेल प्रबंधन ने थाना में कोई सूचना नहीं दी, सस्पेंड कर जांच के आदेश देकर छोड़ दिया. जबकि जेल प्रहरी को गांजा सप्लाई के मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले किया जाना था. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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