* मेष लग्न की कुंडली में लग्न में सूर्य, मंगल, गुरु व शुक्र यह चारों यदि नवम भाव में हों तथा शनि सप्तम भाव में हो तो धन योग बनते हैं.
* मेष लग्न की कुंडली में लग्न में सूर्य व चतुर्थ भाव में चंद्र स्थित हो.
* वृष लग्न की कुंडली में बुध-गुरु एकसाथ बैठे हों तथा मंगल की उन पर दृष्टि हो.
* मिथुन लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल-शुक्र तीनों एकसाथ द्वितीय भाव में हों.
* मिथुन लग्न की कुंडली में शनि नवम भाव में तथा चंद्र व मंगल ग्यारहवें भाव में हों.
* कर्क लग्न की कुंडली में चंद्र-मंगल-गुरु दूसरे भाव में तथा शुक्र-सूर्य पंचम भाव में हों.
* कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में चंद्र तथा सप्तम भाव में मंगल हों.
* कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में चंद्र तथा चतुर्थ में शनि हो.
* सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, मंगल तथा बुध- ये तीनों कहीं भी एकसाथ बैठे हों.
* सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य, बुध तथा गुरु- ये तीनों कहीं भी एकसाथ बैठे हों.
* कन्या लग्न कुंडली में शुक्र व केतु दोनों धनभाव में हों.
* तुला लग्न कुंडली में चतुर्थ भाव में शनि हो.
* तुला लग्न कुंडली में गुरु अष्टम भाव में हो.
* वृश्चिक लग्न कुंडली में बुध व गुरु कहीं भी एकसाथ बैठे हों.
* वृश्चिक लग्न कुंडली में बुध व गुरु की परस्पर सप्तम दृष्टि हो.
* धनु लग्न वाली कुंडली में दशम भाव में शुक्र हो.
* मकर लग्न कुंडली में मंगल तथा सप्तम भाव में चंद्र हो.
* कुंभ लग्न कुंडली में गुरु किसी भी शुभ भाव में बलवान होकर बैठा हो.
* कुंभ लग्न कुंडली में दशम भाव में शनि हो.
* मीन लग्न कुंडली में लाभ भाव में मंगल हो.
* मीन लग्न कुंडली में छठे भाव में गुरु, आठवें में शुक्र, नवम में शनि तथा ग्यारहवें भाव में चंद्र-मंगल हों.
Acharya M.K.Mishra
Divya Astrological consultancy
जन्मकुंडली में बनने वाले कुछ शुभ योग
जानें कुंडली में स्थित नीच ग्रहों का करियर पर प्रभाव
यदि आपके कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हों तो मजबूत कैसे करें
जिन लोगों की कुंडली में राजयोग होते, उन्हें सभी सुख-सुविधाएं मिलती हैं!
Leave a Reply