चित्तरंजन. रेलवे में भ्रष्टाचार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. अनैतिक तरीके से टेंडर देने देकर रिश्वत लेने के आरोप में जांच एजेंसी ने 1986 बैच के आईआरएसएस अधिकारी रवि शेखर सिन्हा सहित कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच एजेंसी ने देश की सबसे बड़ी विद्युत रेल इंजन निर्माता कंपनी चित्तरंजन रेलवे लोकोमोटिव फैक्ट्री के प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक रवि शेखर सिन्हा के बंगले छापा मारा.
रवि शेखर सिन्हा के जिम्मे प्रिंसिपल सीएमएम के पद के साथ-साथ (चितरंजन रेल कारखाना) चिरेका के मुख्य राजभाषा अधिकारी का पद भी है. हाल ही में सिन्हा को चिरेका महाप्रबंधक से राजभाषा पुरस्कार भी मिल चुका है. सीबीआई ने उन्हें 1.80 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. सिन्हा और उनसे जुड़े लोगों के विभिन्न ठिकानों से कुल 1.54 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं. सीबीआई ने चित्तरंजन रेलवे टाउन में अशोक एवेन्यू स्थित बंगला नंबर 4 पर छापा मारा. सिन्हा के बेडरूम नंबर एक की स्टील अलमारी से भी कैश बरामद किया गया है. सीबीआई ने चित्तरंजन समेत देश भर में 17 ठिकानों पर छापेमारी की है.
इन्हें किया गया गिरफ्तार
सीबीआई ने कैश के अलावा 500 ग्राम सोना और संपत्तियों के दस्तावेज भी जब्त किए हैं. सीबीआई ने रवि शेखर सिन्हा के अलावा सोनू अरोड़ा, राजन गुप्ता, प्रवीण व्यास, पवन कुमार सिन्हा और बिनोद कुमार को भी गिरफ्तार किया है. हालांकि, गिरफ्तार लोगों के अलावा इस मामले में और भी अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और निजी कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है. पूरे ऑपरेशन 10 फरवरी को सुबह 9.30 बजे से 11 फरवरी की सुबह 5.30 बजे तक चला.
रवि शेखर सिन्हा, प्रिंसिपल मैटेरियल मैनेजर, और पवन कुमार सिन्हा को मध्यरात्रि में चित्तरंजन के बंगले से गिरफ्तार किया गया. 11 फरवरी को आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत में ले जाया गया. सीबीआई उन्हें अदालत से तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर वायु मार्ग से चंडीगढ़ ले गई. गिरफ्तार किए गए अन्य लोग चंडीगढ़ में सीबीआई की हिरासत में हैं. सीबीआई गिरफ्तार सभी आरोपियों को बड़ी से अदालत से रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.पूछताछ में रेलवे के कई अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
यह है पूरा मामला
नौ फरवरी को चंडीगढ़ सीबीआई शाखा में शिकायत दर्ज कराई गई थी. सीबीआई ने चित्तरंजन के अलावा 10 फरवरी को दिल्ली, पंचकूला, चंडीगढ़ और बनारस में 17 जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी. सीबीआई ने नकदी और सोने के अलावा दिल्ली, नोएडा, गुडग़ांव, हैदराबाद, पटना और रांची में विभिन्न संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद किए हैं. सीबीआई ने घटना में दो निजी कंपनियों के निदेशकों को भी गिरफ्तार किया है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, चंडीगढ़ के दो कल पुर्जों की आपूर्ति करने वाली निजी कंपनी चित्तरंजन रेल फैक्ट्री के स्वीकृत वेंडर्स है.
दोनों कंपनियों ने पैसे के बदले विभिन्न ऑर्डर प्राप्त करने की साजिश रची. जाल फैलाया. प्रिंसिपल ष्टरूरू को बड़ी रकम का भुगतान किया ताकि उनकी कंपनी अवैध रूप से ऑर्डर प्राप्त कर सके. सीबीआई के अनुसार, एक निश्चित राशि से अधिक के आदेश प्राप्त करने में रिश्वतखोरी शामिल थी. आईआरएसएस अधिकारी सिन्हा को सीबीआई ने अवैध रूप से धन उगाहने की कोशिश करते हुए पकड़ा है.
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