छग सीमा लांघ कोतमा वन क्षेत्र में लौटा हाथी, महिला, डिप्टी रेंजर एवं वनरक्षक किया घायल, घरों में की तोड़फोड़ मचाया उत्पात

छग सीमा लांघ कोतमा वन क्षेत्र में लौटा हाथी, महिला, डिप्टी रेंजर एवं वनरक्षक किया घायल, घरों में की तोड़फोड़ मचाया उत्पात

प्रेषित समय :19:19:56 PM / Mon, Feb 14th, 2022

अनूपपुर. बीते वर्ष सितंबर महीने में 39 हाथियों का दल छत्तीसगढ़ राज्य से मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गया था जहां हाथियों के समूह ने 54 दिनों तक उत्पात मचाने के बाद 20 नवंबर को छत्‍तीसगढ़ की सीमा में लौट गए थे. 13 फरवरी की देर शाम एक बार फिर राज्य की सीमा पर स्थित टांकी बीट के महानीम जंगल से होते हुए एक हाथी आमाडांड तथा पतेरा टोला गांव में घुस आया जहां हाथी के द्वारा आधा दर्जन लोगों के बाउंड्री वॉल और घर को क्षति पहुंचाई गई है. हाथी को खदेड़ने के दौरान डिप्‍टी रेंजर भी गिरकर घायल हुए एवं रात्रि 3 बजे एक महिला पर हमला कर दिया दोनो को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां महिला को उपचार के बाद भेज दिया गया वहीं डिप्‍टी रेंजर को रेफर कर दिया गया.

वन मंडल अनूपपुर अंतर्गत वन परिक्षेत्र कोतमा के टांकी,मलगा डूमरकछार एवं आमाडांड क्षेत्र में विगत तीन-चार दिन पूर्व से एक दन्तैल हाथी छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ वन क्षेत्र से आकर दिन में जंगल में विश्राम कर देर रात खाने की तलाश में आस-पास के गांव में आकर उत्पात मचाते हुए लोगों के घरों,दीवारों को नुकसान पहुंचा रहा हैं. वही आक्रमक दन्तैल हाथी पर वन विभाग की टीम के द्वारा निगरानी रखने दौरान टॉर्च दिखाने पर दौरान रामनगर के डिप्टी रेंजर तुलसीदास नापित हाथी के पास आने पर भागने दौरान गिरने से चोट आई वहीं वनरक्षक दादूराम कुशवाहा को गिरने से घुटने में हल्की चोट आई. रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि हाथी जंगल से निकलकर आमाडाड गांव देर रात आ गया जहां मालती पिता बेचूलाल 30 वर्ष जो घर से बाहर निकली वहीं पर दौड़ा के हमला कर सूड से पकड़ कर जमीन में गिरा कर पैर से हमला तथा उसके ऊपर से निकलकर हो हल्ला होने पर भाग गया इस दौरान मामूली रूप से घायल महिला को वन विभाग की टीम द्वारा शासकीय चिकित्सालय बिजुरी में उपचार करा घर भेज दिया. निरंतर चार-पांच दिन से नर हाथी के देर रात मलगा-टांकी के जंगल से बाहर निकल कर उत्पात मचाने पर ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है वहीं वन विभाग का अमला दन्तैल हाथी के विचरण पर नजर बनाए हुए हैं तथा ग्रामीणों को देर रात घर से ना निकलने तथा अन्य तरह की सावधानी बरतने को आगाह किया जा रहा है इसके द्वारा अब तक चार दीवालो,दो कच्चे मकानो को नुकसान पहुचाया गया है जिसके मुआवजा हेतु सर्वेक्षण किया जा रहा हैं.

महानीम के जंगल में छत्‍तीसगढ़ की सीमा में 3 हाथियों की उपस्थिति को सबसे पहले 8 फरवरी को देखा गया था. स्थानीय चरवाहों के द्वारा वनविभाग को इसकी सूचना भी दी गई थी. जिसके बाद से वन महकमे के द्वारा इस झुंड पर नजर रखी जा रही थी. हाथियों के उपस्थिति को लेकर छत्‍तीसगढ़ वन विभाग को भी सूचना दी गई थी. बीते 5 दिनों से हाथी लगातार राज्य की सीमा पर ही सक्रिय रहे.

12 फरवरी की शाम लगभग 7 बजे राज्य की सीमा पर स्थित टांकी बीट से लगे गांव पनिहा बूडा को पार करता हुआ नर हाथी पतेरा टोला तथा आमाडांड गांव में घुस गया जहां उसने सबसे पहले आनंद दुबे नामक ग्रामीण की दीवार को तोड़ दिया दरवाजे को भी चकनाचूर करने के साथ ही पांच अन्य ग्रामीणों के दीवार को क्षति पहुंचाई. 1 घंटे तक हाथी गांव के अंदर ही उत्पात मचाता रहा. जिसकी सूचना ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग को दी गई.

डिप्‍टी रेंजर हुए घायल

वन विभाग द्वारा मिली सूचना के बाद वन परीक्षेत्र अधिकारी कोतमा परिवेश सिंह भदोरिया के साथ ही सहायक वन परीक्षेत्र अधिकारी तुलसीदास नापित दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. रात लगभग 2 बजे जब हाथी को खदेड़ने की कोशिश की जा रही थी तभी हाथी ने विपरीत दिशा में दौडना शुरू किया जिससे बचने के लिए सभी वन कर्मी भागे. इसी बीच सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी तुलसीदास नापित लैंटाना में फंस कर गिर गए, गिरने की वजह से उनके हाथ और पैर में चोट आई है जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल लाया गया. वहीं हाथी जंगल से निकलकर आमाडाड गांव देर रात आ गया, जहां सोमवार 3 बजे की भोर में मालती पिता बेचूलाल 30 वर्ष जो घर से बाहर निकली वहीं पर दौड़ा कर हमला कर सूड से पकड़ कर जमीन में गिरा कर पैर से हमला तथा उसके ऊपर से निकलकर हो हल्ला होने पर भाग गया इस दौरान मामूली रूप से घायल महिला को वन विभाग की टीम द्वारा शासकीय चिकित्सालय बिजुरी में उपचार करा घर भेज दिया.

जंगल में विचरण कर रहा समूह

रात भर उत्पात मचाने के बाद नर हाथी सुबह महानीम के जंगल में लौट गयाए वन महकमे के द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है. गत वर्ष भी हाथियों के समूह के द्वारा किए गए नुकसान के बाद वन महकमे के द्वारा 28 लाख रुपए का मुआवजा प्रभावितों को प्रदान किया गया था. ग्रामीणों को भी समझाइश दी जा रही है कि शाम ढलने के बाद वे जंगल की ओर न जाएं.

वन मंडलाधिकारी डा.एए अंसारी ने गमीणो से शाम के समय जंगल नहीं जाने, खेतों में बने झोपड़ी में नहीं सोने और अकेले जंगल से सटे मकानों में नहीं रहने की हिदायत,गांव में आग की उंची उठने वाली लपटों वाली आग जलाने के समझाईश दी है, ताकि हाथी आग को देखकर गांव की सीमा में प्रवेश नहीं करें. वन मंडलाधिकारी डा.एए अंसारी ने बताया कि अकेला हाथी हैं 12 फरवरी की शाम एक हाथी रिहायशी इलाके में घुस आया था जिसके द्वारा कुछ लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाया गया है. हाथियों के समूह पर लगातार निगरानी की जा रही हैं. दो चार दिन निगरानी की जायेगीं अगर वापस नही गया तो पकड़कर बांधवगढ़ भेज दिया जायेगा. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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