नई दिल्ली. युवा कारोबारियों को अपने आइडिये को साकार रूप देने के लिये पैसों की कमी नहीं पड़ेगी. दरअसल सरकार प्रोजेक्ट को फंड करने के लिये एक और विकल्प सामने ला रही है. सरकार ने आज जानकारी दी है कि वो जल्द स्टार्ट अप के लिये एक नया इक्विटी फंड तैयार करेगी. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा कि उद्यमियों को अतिरिक्त पूंजी सहायता प्रदान करने के लिए सरकार 20 प्रतिशत सीमित हिस्सेदारी के साथ स्टार्टअप के लिए एक नया इक्विटी फंड बनाएगी, और इस कोष का प्रबंधन निजी फंड मैनेजरों के द्वारा किया जाएगा. सरकार लगातार स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने पर जोर दे रही है. और ये कदम इसी कड़ी का एक हिस्सा है.
इक्विटी फंड को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही घोषणा कर चुकी हैं और अब इसपर आगे का काम शुरू कर दिया गया है. अपने ऐलान मे वित्त मंत्री ने कहा था कि एक ऐसा फंड होगा जहां सरकार की 20 प्रतिशत सीमित भागीदार होगी और इसका प्रबंधन निजी फंड मैनेजरों के द्वारा किया जाएगा. आज वित्त राज्य मंत्री ने सीआईआई के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि एक फंड होगा जो निश्चित रूप से सरकार द्वारा बनाया और प्रायोजित किया जाएगा, लेकिन इसे किसी अन्य निजी फंड की तरह मैनेज किया जाएगा. ये फंड फिलहाल मौजूद फंड्स के अतिरिक्त आवश्यक निजी इक्विटी पूंजी होगा वित्त मंत्री सीतारमण ने भविष्य के सेक्टर जैसे कि क्लाइमेट एक्शन, डीप-टेक, डिजिटल इकोनॉमी, फार्मा और एग्री टेक को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा समर्थित फंड बनाने की घोषणा की थी. सरकार ने स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) जैसे कुछ फंड्स को पहले ही 945 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ रखा है ताकि स्टार्ट-अप को उनकी पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिल सके. नया फंड स्टार्टअप की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा.
वही स्टार्टअप को मदद करने के लिये सरकार कई कदम उठा रही है. भारत ने दुबई एक्सपो में देश के स्टार्टअप्स और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं. इस प्रदर्शनी में देश ने अपने निवेश अनुकूल नीतियां और कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में विकास के अवसरों का प्रदर्शन किया है. दुबई एक्सपो में भारतीय मंडप में ‘खाद्य, कृषि और आजीविका’ पखवाड़े का उद्घाटन करते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिलाक्ष लिखी ने आश्वासन दिया कि इक्विटी अनुदान, प्रबंधन लागत और अन्य उपलब्ध सहायता उपायों को सुलभ कराने के लिए स्टार्टअप और एफपीओ के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-IIT दिल्ली के स्टार्टअप ने डेवलप किया 96 घंटे तक प्रभावी रहने वाला मल्टीपर्पज स्प्रे NANOSHOT
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