नई दिल्ली. देश का सबसे बड़ा पब्लिक ऑफर लाने की तैयारियों में जुटी एलआईसी के लिए बाजार नियामक सेबी का एक नियम मुश्किलें खड़ी कर सकता है. इस नियम के तहत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के तीन साल के भीतर भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को अपनी और 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचनी पड़ सकती है. एलआईसी का आईपीओ 11 मार्च को आ सकता है.
सेबी के नियम के मुताबिक, शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली किसी भी कंपनी को तीन साल के भीतर 25 फीसदी हिस्सेदारी आम लोगों के लिए आरक्षित रखनी होती है. विश्लेषकों का कहना है कि एलआईसी आईपीओ के जरिये अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी ही बेच रही है. इसका मतलब है कि देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी को अगले तीन साल में अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी और बेचनी पड़ेगी. इस तरह, उसे हर साल औसतन करीब 42 करोड़ शेयर बेचने होंगे. इसकी कुल कीमत करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये हो सकती है.
बन जाएगी तीसरी सबसे बड़ी कंपनी
शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद एलआईसी के बाजार पूंजीकरण में जबरदस्त तेजी आएगी. बाजार पूंजीकरण के हिसाब के यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के बाद तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी. इस आईपीओ से 60,000 से 90,000 करोड़ जुटाए जाने का अनुमान है.
बीमा कंपनी अकेले जुटाएगी आधी रकम
कंपनियों ने पिछले साल आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे. इसकी आधी रकम अकेले एलआईसी अपने आईपीओ की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर जुटाने वाली है. यह भारतीय बाजार में एलआईसी की ताकत को दिखाता है. इस आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए करीब 35 फीसदी हिस्सा यानी 11 करोड़ शेयर आरक्षित रखने की बात कही जा रही है. अक्टूबर, 2021 तक भारत में सिर्फ 7.3 करोड़ लोगों के पास डीमैट अकाउंट थे. इसलिए यह भी देखना होगा कि आरक्षित हिस्सा कितना भर पाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में एलआईसी एजेंट के घर का ताला तोड़कर लाखों रुपए की चोरी..!
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