अब डॉक्टरों ने ममता सरकार को घेरा, चरक शपथ और तबादले नीति का किया विरोध

अब डॉक्टरों ने ममता सरकार को घेरा, चरक शपथ और तबादले नीति का किया विरोध

प्रेषित समय :11:40:12 AM / Fri, Feb 25th, 2022

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य व्यवस्था और डॉक्टरों की स्थिति को लेकर ममता बनर्जी सरकार के फैसले पर सर्विस डॉक्टर्स फोरम ने सवाल उठाया है. इसके साथ ही तबादले को लेकर पारदर्शी नीति बनाने की मांग करते हुए चरक शपथ को लागू करने का विरोध किया है. गुरुवार को सर्विस डॉक्टर्स फोरम के बैनर तले डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य भवन में एक ज्ञापन दिया. इस प्रतिनिधिमंडल में सर्विस डॉक्टर्स फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास, अध्यक्ष डॉ प्रदीप बनर्जी, उपाध्यक्ष डॉ दुर्गा प्रसाद चक्रवर्ती और कोषाध्यक्ष डॉ स्वपन विश्वास सहित अन्य उपस्थित थे. ज्ञापन में चार सूत्री मांग पेश की गई. इनमें तबादले से लेकर, चरक शपथ, बांकुड़ा सहित राज्य के विभिन्न अस्पतालों में साधारण प्रशासन की दादागिरी सहित अन्य मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया गया.

सर्विस डॉक्टर्स फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ स्वपन विश्वास ने टीवी 9 हिंदी को बताया कि WBMES, WBPH & AS, WBHS कैडर के साथ सरकारी डॉक्टरों के पारदर्शी और विज्ञान आधारित तबादला प्रक्रिया बनाया जाए. इस बाबत बनाए गये ड्राफ्ट में इन्हें शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस पर सहमति भी जताई है. इसके साथ ही अस्पताल में सभी जरूरी और आवश्यक दवाओं की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने की मांग की गई.

डॉ स्वपन विश्वास ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में ‘चरक शपथ’ लागू लागू करना अवैज्ञानिक है. इसे किसी भी चालू नहीं रखा जाना चाहिए. बता दें कि कलकत्ता मेडिकल कालेज में ‘चरक’ शपथ को लेकर विवाद शुरू हो गया है. आरोप है कि कालेज में प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्रों को पहली कक्षा में ‘चरक’ शपथ दिलाई गई है. कालेज के कुछ सीनियर छात्रों ने कलकत्ता मेडिकल कालेज के अधिकारियों पर उक्त आरोप लगाए हैं. दूसरी तरफ अधिकारियों का दावा है कि यह राष्ट्रीय मेडिकल आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है. इस बाबत सर्विस डॉक्टर्स फोरम द्वारा दिए गये ज्ञापन में उल्लेख किया गदया है. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय मेडिकल आयोग की ओर से कोई लिखित निर्देश नहीं होने के बावजूद अपनी पहल पर चिकित्सा का अध्ययन करने आए प्रथम वर्ष के छात्रों को पहले दिन में ‘चरक’ शपथ दिलाई गई है.

दरअसल अब तक की परंपरा के अनुसार मेडिकल में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद छात्रों को हिपोक्रेटिक शपथ दिलाई जाती रही है. इसमें भावी डाक्टरों से मरीजों की सेवाभाव और उनकी जान बचाने की प्राथमिकता जैसे कई वादे लिए जाते थे. उन्हें सफेद कोट भी दिया जाता है, लेकिन कुछ दिन पहले राष्ट्रीय मेडिकल आयोग की एक गाइडलाइन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इसके अनुसार अब से भारतीय डाक्टर हिप्पोक्रेटिक शपथ के बजाय चरक शपथ लेंगे. देश में कई मेडिकल संस्थानों में इसकी परंपरा भी शुरू हो गई है. डॉक्टरों के कुछ संगठन इसका विरोध कर रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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