टोल प्लाजा में पार्टनर बनाकर धोखेबाज अमित खम्परिया ने 48 लाख हड़पे, जबलपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल

टोल प्लाजा में पार्टनर बनाकर धोखेबाज अमित खम्परिया ने 48 लाख हड़पे, जबलपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल

प्रेषित समय :16:00:32 PM / Fri, Feb 25th, 2022

जबलपुर. मंडला में टोल प्लॉजा संचालन के दौरान पर्यटकों से फर्जी तरीके से टोल वसूलने के मामले में सजायाफ्ता अमित खम्परिया को जबलपुर की मदनमहल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस बार भी इस चिटलर पर 48 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगा है. हाईकोर्ट से कुछ समय पहले ही जमानत पर छूटे खम्परिया को फिर से जेल जाना होगा. खम्परिया ने कईयों के साथ इसी तरह की ठगी की है.

मदनमहल पुलिस के मुताबिक संजीवनी नगर निवासी अमित खम्परिया ने टोल प्लाजा में पार्टनर बनाने के नाम पर मदनमहल निवासी बिल्डर सचिन गुप्ता के 48 लाख रुपए लिए थे. पीडि़त को न तो अमित खम्परिया ने पार्टनर बनाया और न ही उसके पैसे वापस कर रहा था.

पैसे मांगने पर दे रहा था धमकी

उलटे वह एक संगठन का नेता और एक समाजिक संगठन का स्वयंभू अध्यक्ष का दंभ भरते हुए धमकाने लगा. यहां तक कि आरोपी पुलिस के बड़े अधिकारियों का नाम लेकर भी पीडि़त को डराने लगा. पीडि़त ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से इस मामले में शिकायत की. एसपी के निर्देश पर मदनमहल पुलिस ने जांच के बाद गुरुवार की रात धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

चार साल पहले हुआ था पीडि़त का खम्परिया से मुलाकात

शिकायतकर्ता सचिन गुप्ता के मुताबिक वह इंटीरियर डिजाइनिंग व रियल इस्टेट का काम करता है. चार साल पहले अमित खम्परिया से पहचान हुई थी. खम्परिया ने तब बताया था कि वह टोल प्लाजा का ठेका लेता है. इसमें लंबी कमाई होती है. इस धंधे में 25 से 50 प्रतिशत लाभ का झांसा देकर उसने जबलपुर के बरेला और उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित ऐंधी टोल प्लाजा में पार्टनर बनाया था.

तीन किस्तों में लिए 1 करोड़ 26 लाख रुपए

अमित खम्परिया ने पीडि़त सचिन गुप्ता से तीन किस्तों में 1 करोड़ 26 लाख रुपए लिए. सचिन के मुताबिक पैसे लेने और पार्टनर बनाने के बाद वह टोल प्लाजा से होने वाली कमाई की जानकारी साझा करने में आनाकानी करने लगा. एनएचएआई से उसने जानकारी निकलवाई तो पता चला कि खम्परिया उसे टोल प्लाजा से निकलने वाले वाहनों की गलत जानकारी दे रहा है.

78 लाख रुपए वापस किए

सचिन गुप्ता ने अमित खम्परिया की चिटलरबाजी से परेशान होकर अपने पैसे वापस मांगे. उसने घाटा बताकर 78 लाख रुपए किस्तों में दिए और शेष रकम रोक लिया. 48 लाख रुपए उसे वापस लेने हैं. खम्परिया ने एनएचएआई की गाइड लाइन के विपरीत उसे टोल प्लाजा में पार्टनर बनाया. जबकि नियम में ही है कि कोई भी ठेकेदार किसी को पार्टनर नहीं बना सकता है. मदनमहल पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी को दबोच लिया.

आरोपी को बचाने नेता से लेकर कथित संत तक पहुंचे

एफआईआर दर्ज होने के बाद अमित खम्परिया को मदनमहल पुलिस ने लिंक रोड से गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बताया जा रहा है कि वहां वह खुद पहुंचा था. गिरफ्तारी के बाद उसे बचाने एक कथित संत, शराब कारोबारी मामा प्रकाश खम्परिया, रेलवे साइकिल स्टैंड ठेका में पार्टनर अमित द्विवेदी, कांग्रेस नेता समीर दीक्षित मदन महल थाना पहुंच गए. कुछ तथाकथित पत्रकार और अन्य नेता भी खम्परिया के पक्ष में दबाव बनाते रहे.

समझौते के लिए रात भर चली बात

चिटलर खम्परिया ने गिरफ्तारी के बाद पीडि़त सचिन गुप्ता पर शिकायत वापस लेने और समझौता करने का दबाव बनाया. उसने रकम भी वापस करने की पेशकश की. देर रात तक उनके बीच समझौते को लेकर बातचीत चलती रही, लेकिन नतीजा नहीं निकला. पीडि़त ने इस घटनाक्रम की जानकारी भी एसपी को दे दी. सीएसपी कोतवाली दीपक मिश्रा के मुताबिक जांच के बाद प्रकरण दर्ज हुआ है. आरोपी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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