इंदौर. इंदौर क्राइम ब्रांच ने नकली ऋण पुस्तिका का दुरुपयोग कर जमानत का खेल रचने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों द्वारा नकली ऋण पुस्तिका से जमानत दिलवाकर पैसा ऐंठने का काम किया जाता था. इन्दौर क्राइम ब्रांच ने शनिवार शाम प्रेस वार्ता कर नकली ऋण पुस्तिका से जमानत देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है.
दरअसल क्राइम ब्रांच ने पत्रकारों को बताया कि क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि इंदौर शहर में बड़े पैमाने पर नकली ऋण पुस्तिका बनाने का काम किया जा रहा है. जिसके माध्यम से जेल में बंद लोगों की जमानत कराई जाती है और यह लोग कोर्ट के आस-पास फर्जी रूप से जमानत दिलवाने के लिए घूमते थे, जिसके एवज में मोटी रकम भी वसूल लेते हैं. यह गैंग सक्रिय है और इस पूरी गैंग में मुख्य सरगना प्रकाश नाम का व्यक्ति है, जो फिलहाल जेल में ही बंद है. वह जेल से ही इस तरह का रैकेट संचालित कर रहा था. फिलहाल पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें करण चावड़ा, रमेश बोड़ाना व कैलाश प्रजापत शामिल हैं, वहीं मुख्य आरोपी प्रकाश फिलहाल जेल में बंद है.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल पकड़े गए आरोपियों से 1000 से अधिक ऋण पुस्तिकाएं, 1000 से अधिक फटी हुई ऋण पुस्तिकाएं पुलिस ने बरामद की हैं. वहीं इन आरोपियों से अलग-अलग तहसील की रबर स्टैंप सील भी बरामद की गई है. फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि इस गिरोह में ऐसे कितने लोग और लोग शामिल हैं.
कृषि भूमि या कच्ची भूमि का स्वामी कौन है, इस बात का प्रमाण ऋण पुस्तिका होता है. दरअसल शासकीय रिकार्ड में भूमि स्वामी कौन है, इसका प्रमाण ऋण पुस्तिका है. ऋण पुस्तिका के माध्यम से ही किसानों के जमीन संबंध कार्य होते हैं. ऋण पुस्तिका के माध्यम से ही किसानों को केसीसी ऋण, किसी व्यक्ति की जमानत, जमीन संबंधी अन्य ऋण आदि कार्य होते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के इंदौर में बीबीए के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, टीआई-एसआई को बताया मौत का जिम्मेदार..!
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