नई दिल्ली. यूट्यूब के बाद गूगल ने भी रविवार को रूस के सरकारी मीडिया संस्थान RT और दूसरे चैनलों को अपनी वेबसाइटों और ऐप्स पर वीडियो पर आने वाले विज्ञापनों से पैसा हासिल करने पर रोक लगा दिया है. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद फेसबुक ने भी रूस के सरकारी मीडिया पर ऐसी ही रोक लगाई थी. YouTube की घोषणा से पहले फेसबुक की स्वामी कंपनी मेटा ने रूसी सरकार की मीडिया को फेसबुक पर डिमॉनेटाइज कर दिया था.
रविवार को गूगल से पहले YouTube ने रूसी सरकार के मीडिया संस्थान RT सहित कई रूसी चैनलों को अपने वीडियो के साथ चलने वाले विज्ञापनों से पैसा कमाने पर रोक लगा दी थी. असाधारण परिस्थितियों’ का हवाला देते हुए YouTube ने कहा कि यूट्यूब कई चैनलों के मुद्रीकरण पर रोक लगा रहा है. जिसमें यूरोपीय संघ के हाल के प्रतिबंधों में शामिल कई रूसी चैनल भी शामिल हैं. गौरतलब है कि वीडियो पर विज्ञापन प्लेसमेंट को काफी हद तक YouTube से ही कंट्रोल किया जाता है. जबकि सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भी एक ट्वीट में कहा कि रूस में कुछ यूजर्स के लिए ट्विटर के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है.
पिछले कई साल से YouTube पर रूसी सरकार से संबंध रखने वाले चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाता रहा है. उन पर आरोप लगता रहा है कि वे प्रोपेगेंडा फैलाते हैं, और इससे उनको लाभ हासिल नहीं होना चाहिए. एक अनुमान के हिसाब से रूस को दिसंबर 2018 तक दो साल में 26 YouTube चैनलों के विज्ञापनों से 7 मिलियन से 32 मिलियन डॉलर हासिल हुए थे. गौरतलब है कि यूरोपीय संघ ने बुधवार को मार्गरीटा सिमोनियन सहित कुछ व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. मार्गरीटा सिमोनियन को RT की प्रधान संपादक और रूसी प्रोपेगेंडा की ‘एक प्रमुख हस्ती’ बताया जाता है.
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