नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में यूक्रेन में फंसे लोगों के मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है. आज उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें केंद्र से भारतीय छात्रों की मदद के लिए आने की मांग की गई है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे यूक्रेन की सीमा पर भोजन, पानी और पैसे के बिना फंसे हुए हैं. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार मामले पर काम कर रही है. याचिकाकर्ता फातिमा आहना कि याचिका पर जवाब दूंगा. सीजेआई एन वी रमनाने कहा कि दो जनहित याचिकाएं हैं. फातिमा आहना और विशाल तिवारी की दोनों याचिकाएं सूचीबद्ध हैं. हम नंबर आने पर ही सुनेंगे.
सीजेआई ने वकील विशाल तिवारी से कहा कि आप बेवजह कि याचिकाएं दायर करते है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह याचिका सिर्फ पब्लिसिटी के लिए लगाई है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा अगर आप ऐसे सेंसेटिव मामले में गंभीर होते तो आप बेवजह कि याचिकाएं दायर करते है. समाचार पत्रों कि खबर के आधार पर आप इस तरह के गंभीर मामले पर याचिका नहीं दायर कर सकते. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अटर्नी जनरल से यूक्रेन में फंसी छात्रा फातिमा आहना कि याचिका पर जानकारी मांगी. अटर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि याचिका दाखिल करने वाली छात्रा फातिमा आहना रोमानिया पहुंच चुकी है एजी ने कहा कि फातिमा आहना अब रोमानिया में हैं. वह और उनके साथी आज रात स्वदेश पहुंच जाएंगे. याचिकाकर्ता के वकील एएम धर ने कहा कि सरकार ने तेजी से कदम उठाया है. सीजेआई ने दूसरी याचिका (वकील विशाल तिवारी) पर कहा कि ऐसी याचिका पर हम कैसे आदेश दे सकते हैं.
एजी आप हालात के बारे में बताएं. एजी ने कहा कि पीएम कैबिनेट मंत्रियों के साथ यूक्रेन के आसपास से भारतीयों को स्वदेश लाने पर बैठक कर रहे हैं. एजी ने कहा कि कई हजार को स्वदेश लाया जा चुका है. शेष को ला रहे हैं. CJI ने कहा कि हम आपके द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल नहीं उठा रहे, बल्कि सराहना करते हैं. लेकिन याचिका को लंबित रख रहे हैं. AG ने कोर्ट को बताया कि अब तक 17 हज़ार लोगो को यूक्रेन से निकला गया है, बाकी बचे हुए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. सीजेआई ने कहा कि ठीक है. हम अगले शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी हाईकोर्ट को बताया जाए कि वह इस मामले में सुनवाई ना करें. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि छात्रो के माता पिता की परेशानी को देखते हुए केन्द्र सरकार सेंन्ट्रलाइज हेल्पलाइन पोर्टल शुरू करे और जानकारी साझा करे.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन में फसे भरतीय छात्रों की स्तिथि पर चिंता जताई. मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा है जहां मानव जाति युद्ध के लिए लड़ रही है और लोगों को मार रही है और मैं जानता हूं कि बातचीत से विवाद को सुलझाया जा सकता हैदुर्भाग्य से इन मुद्दों में हमारी कोई भूमिका नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रूस के हमले में यूक्रेन के 2 फुटबॉल खिलाड़ियों की मौत, 400 खिलाड़ियों का पता नहीं
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