नई दिल्ली. यूक्रेन में जोपोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले के बाद भारत ने शुक्रवार को आगाह किया कि परमाणु केंद्रों से संबंधित किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं. साथ ही कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में पैदा हो रहे मानवीय संकट को समझना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, भारत परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च महत्ता देता है, क्योंकि परमाणु केंद्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर असर हो सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक की थी. जिसमें तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और केंद्रों की सुरक्षा से संबंधित घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहा है. साथ ही कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के उसकी सुरक्षा तथा निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में हमारे सामने पैदा हो रहे मानवीय संकट को समझना चाहिए, जहां कई हजार भारतीय नागरिकों खासतौर से छात्रों समेत निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा दांव पर लगी है.
टी एस तिरुमूर्ति ने उम्मीद जतायी कि रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की वार्ता से सुरक्षित मानवीय गलियारा तत्काल स्थापित होगा. तिरुमूर्ति ने कहा कि यह खेदजनक है कि सुरक्षा परिषद के इस मामले पर पिछले सप्ताह बुलाई बैठक के बाद से यूक्रेन में हालात बिगड़ गए हैं. उन्होंने हिंसा को तत्काल खत्म करने की आवश्यकता दोहरायी. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोहराया है, मतभेदों को सतत संवाद और कूटनीति के जरिए हल किया जाना चाहिए.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में मानवाधिकार का गंभीर संकट पैदा हो गया है. इसी समस्या को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने एक बैठक बुलाई. इस मीटिंग में भी भारत ने अनुपस्थित रहकर अपना रुख साफ किया. यूएनएचआरसी की ये मीटिंग यूक्रेन के आह्वान पर बुलाई गई थी. यूक्रेन ने रूस पर वॉर क्राइम का आरोप लगाया है. रूस के हवाई हमले शुरू होने के बाद यूक्रेन में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है और यूक्रेन के आम लोगों की जान गई है. इस मीटिंग में मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा कि एक सप्ताह पहले रूस के यूक्रेन पर हमले से विश्व इतिहास में एक नया और खतरनाक अध्याय खुल गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूक्रेन में नहीं लागू हुआ नो-फ्लाई जोन, NATO से गुस्सा हुए राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की
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