राजस्थान : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 9 लाख बीएड धारक होंगे रीट लेवल-1 से बाहर

राजस्थान : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 9 लाख बीएड धारक होंगे रीट लेवल-1 से बाहर

प्रेषित समय :15:34:23 PM / Wed, Mar 16th, 2022

जयपुर. बीएसटीसी-बीएड विवाद मामले में राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. बीएसटीसी-बीएड विवाद से जुड़े इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि रीट लेवल-1 में केवल बीएसटीसी धारकों को ही नियुक्ति मिलेगी. इस मामले में बीएड धारियों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बीएड धारियों को राहत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 15 हजार 500 पदों पर नियुक्ति का रास्ता अब साफ हो गया है. इस विवाद में फंसे अभ्यर्थियों में से करीब 9 लाख बीएड डिग्रीधारी हैं और करीब 7 लाख बीएसटीसी होल्डर हैं.

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से एएजी मनीष सिंघवी ने पक्ष रखा. इससे सहमत हुये सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को बहाल रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले से राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिल गई है. अब रीट लेवल-1 में बीएसटीसी अभ्यर्थियों को उनका हक मिल जायेगा. बीएड डिग्रीधारियों को अब केवल लेवल-2 में ही नियुक्ति मिल सकेगी. इस फैसले के बाद बीएसटीसीधारकों में खुशी की लहर दौड़ गई.

राजस्थान हाई कोर्ट ने दिया था यह फैसला

दरअसल बीते नवंबर में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर ने अपने अहम फैसले में रीट लेवल-1 में केवल बीएसटीसी डिग्रीधारियों को ही योग्य माना था. हाई कोर्ट ने इस मामले में बीएड डिग्रीधारी कैंडिडेट्स को रीट लेवल वन के लिए अयोग्य ठहरा दिया था. इसके साथ ही उनका परीक्षा परिणाम निरस्त करने के भी आदेश दिए थे. हाईकोर्ट के इस फैसले से बीएसटीसी धारकों को बड़ी राहत मिली थी. इस पर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीएडधारकों को राहत देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी.

एनसीटीई के एक नोटिफिकेशन से शुरू हुआ था यह विवाद

उल्लेखनीय है कि इस विवाद की शुरुआत एसीटीई की ओर से वर्ष 2018 में जारी किये गये एक नोटिफिकेशन से हुई थी. इसमें एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य माना था. इसके साथ ही एनसीटीई ने यह भी कहा था कि अगर बीएड होल्डर परीक्षा में पास होते हैं तो उन्हें इस लेवल में नियुक्ति मिलने के बाद इसके साथ ही 6 महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा. एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन और बीएड डिग्रीधारकों को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. उसके बाद यह मामला लंबा खिंचता चला गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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