नजरिया. कृषि कानूनों को अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा का प्रश्न बनानेवाली पीएम मोदी टीम, क्या पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन कानूनों को रद्द करने की हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है? यह सवाल इसलिए कि कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित पैनल ने दावा किया है कि देश के 86 प्रतिशत किसान संगठन, कृषि कानूनों से खुश थे!
खबर है कि किसान नेता और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए गए पैनल के दावे को लेकर एनडीटीवी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि- मैं अनिल घनवत जी को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने देश की सेवा की. इससे तीन बातें सामने आईं कि-
पहले तो सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ही रिपोर्ट को क्यों दबाकर रखा?
दूसरा ये सिर्फ पुराने मामले नहीं हैं. आने वाले षड्यंत्रों का भी खुलासा हुआ है, जो किसानों के लिए खतरे की घंटी है?
तीसरी बात यह कि इस रिपोर्ट से उन्हें ये समझ आ गया होगा कि क्यों एकेएम ने इसका बॉयकॉट किया था?
उनका कहना यह भी है कि- कमेटी के दो हिस्से हैं, पहला कि कमेटी कहती है कि हमने किसानों से बात की, एससी कहता था कि किसानों से बात कीजिए, उनकी शिकायतों के बारे में जानिए, शिकायतें उनकी थीं जो सड़कों पर प्रदर्शन, कर रहे थे, 450 किसान संगठन एसकेएम के बैनर तले इन कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे थे, लेकिन इनमें से एक भी संगठन ने इस कमेटी से बात नहीं की, फिर ये 73 संगठन कौन से हैं?
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित पैनल ने दावा किया है कि- देश के 86 प्रतिशत किसान संगठन, कृषि कानूनों से खुश थे, इस पैनल में शेतकारी संगठनों से जुड़े अनिल धनवत, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी शामिल थे. योगेंद्र यादव का यह भी कहना है कि- कमेटी कहती है कि इसके 3 करोड़ 80 लाख लोग थे, तो अनिल जी ये नाम बता दीजिए? जो फेक कंपनियां मिलती हैं, वैसे ही ये फेक संगठन मिलेंगे?
इनसे वो संगठन मिलने आए जिन्हें कानूनों से शिकायत नहीं थी, संगठनों के अलावा कमेटी कहती है कि हमने किसानों की बात सुनी, लेकिन सवाल यह है कि ये आखिर कौन से किसानों से मिले? न सर्वे करवाया, सिर्फ एक पोर्टल पर कहा कि देश के किसान उस पोर्टल पर जवाब दे दीजिए, इन्हें 19,000 जवाब आ गए, इनमें से कितने किसान हैं, खुद कमेटी कहती है कि इनमें से 5000 किसान हैं, उनको बाकी 14 हजार के साथ मिलाकर कहती है कि सब ठीक है लोग इसके पक्ष में हैं?
सियासी सयानों का मानना है कि क्योंकि किसान आंदोलन से बहुत ज्यादा प्रभावित राज्यों में चुनाव हो चुके हैं, लिहाजा इन कृषि कानूनों को चोर दरवाजे से फिर से ला सकती है पीएम मोदी सरकार!
चोर दरवाजे से कृषि कानून वापस लाने का माहौल बना रही सरकार : SC की ओर से गठित पैनल के दावे पर योगेंद्र यादव
https://ndtv.in/india-news/yogendra-yadav-talks-to-ndtv-on-farmers-protest-on-farm-laws-2836459
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1490868785082875907
Leave a Reply