प्रतापगढ़. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह को एमपीएमएलए कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. उन्हें यह सजा फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में सुनाई गई है. इसके अलावा उन पर 10 हजार रुपयों का जुर्माना भी लगाया गया है. अक्षय प्रताप सिंह राजा भैया की जनसत्ता दल के एमएलसी प्रत्याशी हैं. कोर्ट के इस फैसले से राजा भैया को झटका लगा है, क्योंकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनका नामांकन पत्र निरस्त होना तय है.
हालांकि, कहा जा रहा है कि राजा भैया ने इसका प्लान बी तैयार कर रखा है. उन्होंने अक्षय प्रताप की पत्नी मधुरिमा सिंह को भी एमएलसी चुनाव के मैदान में उतार दिया है. अब अक्षय प्रताप को जेल होने की स्थिति में राजा भैया अपने इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.
निर्विरोध निर्वाचित होते रहे हैं अक्षय प्रताप
प्रतापगढ़ सीट से अक्षय प्रताप सिंह निर्विरोध निर्वाचित होते रहे हैं. इसके पीछे राजा भैया का करीबी होना बताया जा रहा है. लेकिन, फर्जी पता पर रिवॉल्वर का लाइसेंस लेने के मामले में उन पर दोष साबित हो चुका है. इसके बाद भी वे चुनावी मैदान में उतरे. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. ऐसे में राजा भैया के लिए यह सीट बचाना अब उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ गया है. इसको लेकर वे अब अपनी अलग रणनीति के तहत काम करते दिख रहे हैं.
यह है मामला
मामला 1997 का है, जब अक्षय प्रताप सिंह ने गलत पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवा लिया था. प्रतापगढ़ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 15 मार्च को अक्षय प्रताप को आईपीसी की धारा 420, 468 व 471 के मामले में दोषी करार दिया था. मंगलवार को अदालत ने सजा सुनाए जाने की तिथि मुकर्रर की थी. अक्षय प्रताप मंगलवार को कोर्ट पहुंच गए. लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए 23 मार्च को सजा सुनाने की तारीख दे दी और पुलिस ने अक्षय प्रताप सिंह को कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मुम्बई से यूपी अपने गांव आ रहे युवक की जबलपुर में मौत..!
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