गांधीनगर. गुजरात भर में पब्लिक सेक्टर के बैंक 26 मार्च से 29 मार्च यानी शनिवार से मंगलवार तक लगातार चार दिनों तक बंद रहने की उम्मीद है. महा गुजरात बैंक कर्मचारी संघ (एमजीबीईए) के सदस्यों ने बुधवार को सरकार की कथित पब्लिक सेक्टर के बैंकों की नीतियों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल पर जाने की घोषणा की. एमजीबीईए का अनुमान है कि बैंक बंद होने से दो दिन की अवधि में 20,000 करोड़ रुपये के लेनदेन पर असर पड़ेगा.
हालांकि, व्यापार और उद्योग निकाय लगातार चार दिनों तक बैंकों के बंद रहने से नाराज हैं, खासकर 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष से पहले. एमजीबीईए के महासचिव जनक रावल ने कहा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के लिए सरकार की बोली का हमारा विरोध जारी है. सार्वजनिक बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के प्रयास करने के बजाय, सरकार जनता के पैसे को निजी हाथों में डाल रही है.
गुजरात ट्रेडर्स फेडरेशन (जीटीएफ) के अध्यक्ष जयेंद्र तन्ना ने कहा कि बैंकर एक वास्तविक मुद्दे के लिए विरोध कर सकते हैं, लेकिन वित्तीय वर्ष के खत्म होने से ठीक पहले ऐसा करना उचित नहीं है. जीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पथिक पटवारी ने कहा कि ऑनलाइन बैंकिंग ने निश्चित रूप से खेल और बैंक यात्राओं पर निर्भरता को बदल दिया है इसलिए लेनदेन पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है. हालांकि, वित्तीय वर्ष के अंत से ठीक पहले, बहुत सारे अंतर-बैंक और अंतर खाता लेनदेन हैं जो हड़ताल के कारण बैंक बंद होने से व्यापार और उद्योग पर इसका बड़ा असर डालेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात के कच्छ में देसी शराब पिलाकर नाबालिग के साथ किया सामूहिक दुष्कर्म
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