दिल्ली के लोक नायक अस्पताल ने खत्म की 95 कोरोना नर्सों की सेवाएं, व्हाट्सएप के जरिए भेजा टर्मिनेशन लेटर
दिल्ली. दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में कोरोना के समय वर्क फोर्स बढ़ाने के लिए 11 महीने पहले भर्ती हुई थी. अब इन 95 नर्सों को एक व्हाट्सएप संदेश के जरिए सेवा समाप्ति का पत्र मिला है. मैसेज में लिखा गया है कि 14 मई 2021 को रामलीला मैदानमें एक कोविड सुविधा शुरू की गई थी. इस सुविधा को सुचारू रूप से चलाने के लिए तैनात सभी कर्मचारियों ने हाथ से हाथ मिला काम किया. क्योंकि अब कोरोना का अंत हो गया है और ये सुविधा बंद की जा रही है. अब अलविदा कहने का समय है. रामलीला मैदान या वैक्सीनेशन या लोक नायक अस्पताल में तैनात सभी नर्सों को निर्देश दिया जाता है कि वे अपनी ड्यूटी जारी न रखें.
इस महीने की शुरुआत में समाप्त की गई सेवा के कर्मचारियों में से एक विनीत चौधरी ने कहा कि उन्हें किसी नोटिस के माध्यम से नहीं, बल्कि एक व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से सूचित किया गया था. चौधरी ने कहा कि पिछले साल दूसरी लहर के दौरान कोरोना वार्डों की सेवा के लिए 300 नर्सों की भर्ती की गई थी. इसमें से कुछ को मुख्य अस्पताल और कुछ को वैक्सीनेशन के लिए, वहीं 95 को रामलीला मैदान कोरोना केंद्र में नियुक्त किया गया था.
उन्होंने आगे कहा कि 3 मार्च को हमें एक व्हाट्एप संदेश भेजा गया था. इसके अलावा कोई अन्य आधिकारिक सूचना नहीं दी गई. जब हमने अधिकारियों से बात की तो हमें बताया गया कि अगर जरूरत पड़ी तो हमें वापस बुला लिया जाएगा. लेकिन कोई गारंटी नहीं है. हमने डेल्टा लहर के दौरान जान जोखिम में डालकर लंबे समयट तक काम किया, हमें इस तरह के इलाज की उम्मीद नहीं थी.
लोक नायक अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि कोरोना प्रबंधन के लिए नर्सों को पिछले साल 45 दिनों के लिए काम पर रखा गया था. एक बार मामले कम होने के बाद उनकी सेवाओं को तीन-चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. इसमें से बहुतों को भर्ती भी कर लिया गया है. केवल उन्हीं लोगों को सेवाएं जारी करने से मना किया गया है, जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेद की नर्से भी 22 मार्च को सेवाओं की समाप्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. जतिन कुमार, एक नर्स जिनकी सेवा समाप्त कर दी गई है, उन्होंने कहा कि जब पिछले साल दूसरी लहर शरू हुई, हमें तीन महीने के लिए अनुबंध के आधार पर काम पर रखा गया था. मगर उन्होंने हमारी सेवा जारी रखी और गैर कोरोना कार्यों के लिए भी हमें अलग-अलग विभागों में तैनात किया. अब प्रशासन का कहना है कि उनके पास फंड नहीं है. हमारे पास विरोध करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. अस्पताल प्रशासन हमारे सवालों को जवाब नहीं दे रहा.
Source :
palpalindia
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